NEWSPR डेस्क। झारखंड में सरकारी अस्पतालों की बदहाली पर झारखंड हाईकोर्ट में नाराजगी जताई है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सराकर से अस्पतालों में वर्तमान हालात जैसे बेड की संख्या, इलाज की सुविधा, जांच, उपकरण, डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ की संख्या की जानकारी मांगी थी, लेकिन सरकार ने ये जानकारी देने के बजाए सरकार भविष्य में क्या करेगी इसकी जानकारी दी। सरकार ने ये भी नहीं बताया कि योजनाएं कब तक पूरी हो जाएंगी।
अदालत ने सरकार से सवाल पूछा कि जब तक नए अस्पताल नहीं बन जाएंगे, मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाएगा। बेड की कमी के कारण आज भी मरीजों का इलाज अभी भी फर्श पर हो रहा है। मामले के आगे सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को 21 अक्तूबर तक डिटेल रिपोर्ट पेश करने को कहा है कि वर्तमान हालात से निपटने के सरकार किया कदम उठा रही है।