पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। राजकीय सम्मान के साथ लोधी श्मशान घाट पर प्रणब दा पंचतत्व में विलीन हो गए। बता दें कि इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को आर्मी हॉस्पिटल (आरएंडआर) से 10, राजाजी मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास में लाया गया। उनके बेटे और कांग्रेस नेता अभिजीत मुखर्जी ने उन्हें मुखाग्नि दी।
इसके बाद प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी का दर्द छलक गया। उन्होंने कहा कि वे पिता को बंगाल ले जाना चाहते थे, लेकिन उनकी ये इच्छा अब अधूरी ही रह गई। अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि उनकी उपस्थिति हमारे परिवार के लिए बड़ी थी, हम उसे याद करेंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना उनकी मौत का मुख्य कारण नहीं था, बल्कि उनकी ब्रेन सर्जरी से उनकी सेहत पर गहरा असर पड़ा। उन्होंने कहा कि हम उन्हें पश्चिम बंगाल ले जाना चाहते थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते प्रतिबंधों के कारण हम ऐसा नहीं कर पाए। जिसका हमें मलाल रहेगा।
अभिजीत ने कहा कि उनकी योजना पश्चिम बंगाल के जंगीपुर में अपने घर की एक मंजिल को पिता की याद में म्यूजियम और लाइब्रेरी में बदलने की है। अभिजीत ने कहा कि वह चाहेंगे कि सरकार उनके पिता के सम्मान में डाक टिकट जारी करे। अभिजीत ने कहा कि उनके पिता ने उनसे कहा था कि राजनीति में किसी से बदला लेने से बचना चाहिए। उनके संदेश स्पष्ट था और मैं इसे हमेशा याद रखूंगा।