NEWSPR डेस्क। यह दिल दहला देने वाली कहानी छ्त्तीसगढ़ के बलरामपुर की है। यहाँ दो बच्चों समेत आठ आदिवासियों का कुसूर केवल इतना था कि उन्होंने तालाब से निकालकर मछलियां खा ली थी । फिर क्या था गांव के सरहंग यादवों ने सरपंच के साथ मिलकर इन आदिवासियों और बच्चों को पेड़ में बांधकर लाठी डंडे और लातों से बेदम होने तक पीटा।
वहीं मारते वक्त उनके हाथ बेल्ट से बांध दिए गए थे, 15 साल के छोटे बच्चों और आदिवासियों को मारने पीटने में महिला सरपंच का पति सत्यम यादव, जितेंद्र यादव, सत्यप्रकाश यादव समेत 30 लोग शामिल थे। केवल मारने पीटने तक यह कहानी नही रुकी इन पंडी आदिवासियों पर 35 -35 हजार का जुर्माना भी ठोंक दिया गया।
बताया जाता है कि डर के मारे कुछ आदिवासियों ने डर के मारे जुर्माने की राशि जमा भी कर दी।फिलहाल इस मामले में पुलिस ने मुकदमा कर दिया है। लेकिन मन मर्माहत है कि सिर्फ खाने की वजह से आज के दौर में भी आदिवासियों को पीटा जा सकता है। पीटने वाले भी उस बिरादरी से हैं जो सामाजिक न्याय की बात करते रहे हैं।