NEWSPR डेस्क। स्वतंत्रता सेनानी शेर-ए-पंजाब लाला लाजपत राय की आज जयंति है। इस मौके पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
भारत मां को वीरों की जननी कहा जाता है। इस धरती पर कई ऐसे वीर सपूत हुए हैं, जिन्होंने अपने जीवन की परवाह न करते हुए इस देश को आजाद कराने के लिए अपना जीवन तक बलिदान कर दिया। ऐसे ही एक स्वतंत्रता सेनानी थे शेर-ए-पंजाब लाला लाजपत राय। जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। पंजाब केसरी लाला राय जी का जन्म 28 जनवरी , 1865 को फिरोजपुर पंजाब में हुआ था। उनके पिता मुंशी राधा कृष्ण आजाद फारसी और उर्दू के महान विद्वान थे और माता गुलाब देवी धार्मिक महिला थीं। प्रारंभ से ही लाजपत राय लेखन और भाषण में बहुत रुचि लेते थे। इन्होंने कुछ समय हरियाणा के रोहतक और हिसार शहरों में वकालत की। लाला लाजपतराय को शेर-ए-पंजाब का सम्मानित संबोधन देकर लोग उन्हें गरम दल का नेता मानते थे। लाला लाजपत राय स्वावलंबन से स्वराज्य लाना चाहते थे।
साइमन कमीशन के विरोध में क्रांतिकारियों ने 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर रखा था। जिसका नेतृत्व लालाजी कर रहे थे। इस प्रदर्शन में उमड़ी जनसैलाब को देखकर अंग्रेज बुरी तरह बौखला गए थे। इस प्रदर्शन से डरे अंग्रेजों ने लालाजी और उनके दल पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें शामिल युवाओं को बेरहमी से पीटा गया। लाला लाजपत राय अंग्रेजों की इस लाठी से डरे नहीं और जमकर उनका सामना किया। इस लाठीचार्ज में लालाजी बुरी तरह घायल हो गए, जिसके बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा और आखिरकार 17 नवंबर 1928 को इस वीर ने हमेशा के लिए आंखे मूंद ली।