बिहार पुलिस के आर्थिक एवं साइबर अपराध प्रकोष्ठ ने बुधवार को सीवान जिले में पदस्थापित कार्यपालक अभियंता अनुभूति श्रीवास्तव के कई ठिकानों पर छापामारी की। छापेमारी की कार्रवाई पटना, सीवान और उत्तर प्रदेश के लखनऊ (गोमतीनगर) स्थित आवासों पर भी की गई।
आर्थिक अपराध थाना में दर्ज मामले के अनुसार, श्रीवास्तव पर वैध आय से करीब 71 लाख 1 हजार 908 रुपये अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। यह उनकी वैध आय से लगभग 78.91 प्रतिशत अधिक है। इस संबंध में 18 अगस्त 2025 को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुराने मामले भी लंबित
यह पहला मौका नहीं है जब अनुभूति श्रीवास्तव पर भ्रष्टाचार का शिकंजा कसा है। अगस्त 2021 में विशेष निगरानी इकाई ने भी उन पर मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप पत्र दाखिल हो चुका है और सुनवाई न्यायालय में लंबित है।
2015 में डुमरांव नगर परिषद में कार्यपालक पदाधिकारी रहते हुए उन पर दैनिक कर्मचारियों को नियम विरुद्ध करोड़ों रुपये का भुगतान करने का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया था। हाजीपुर नगर परिषद में भी उन पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे।
करोड़ों के गबन के आरोप
भभुआ नगर परिषद में कार्यकाल के दौरान श्रीवास्तव पर 22 करोड़ रुपये के गबन का आरोप तत्कालीन सभापति बजरंग बहादुर उर्फ़ मलाई सिंह ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में लगाया था। मुख्यमंत्री के आदेश पर जांच हुई, जिसमें उनकी कई जगहों पर अवैध संपत्ति और फ्लैट का पता चला। यहां तक कि कथित तौर पर दुबई में भी उनके नाम से फ्लैट होने की जानकारी सामने आई थी।