केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई रेलवे परियोजनाओं की घोषणा करते हुए कहा कि ये योजनाएं देश की लॉजिस्टिक्स लागत को घटाने, पेट्रोलियम आयात में हर साल 52 करोड़ लीटर तक की कटौती करने और पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाएंगी।11 करोड़ पेड़ों के बराबर होगा कार्बन उत्सर्जन में कटौती का असरमंत्री ने बताया कि इन परियोजनाओं से 264 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। यह प्रभाव 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर माना जा सकता है।कोडरमा-बरकाकाना और बेल्लारी-चिकजाजुर रूट का होगा विस्तारस्वीकृत प्रमुख योजनाओं में कोडरमा से बरकाकाना (133 किमी) ट्रैक का दोहरीकरण शामिल है।
यह झारखंड के कोयला बहुल क्षेत्र से होकर गुजरता है और पटना-रांची के बीच का सबसे प्रभावी रेल मार्ग माना जाता है। वहीं, दूसरी योजना के तहत कर्नाटक के बेल्लारी और चिकजाजुर के बीच 185 किलोमीटर लंबी लाइन का दोहरीकरण होगा, जो आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले को भी जोड़ती है।
1,400 से अधिक गांवों तक पहुंचेगी ट्रेन सेवा-
सरकार का कहना है कि इन मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लगभग 1,408 गांवों तक रेल संपर्क बेहतर होगा, जिनमें करीब 28 लाख लोग रहते हैं। इससे न सिर्फ लोगों की आवाजाही आसान होगी, बल्कि मालवाहन क्षमता में भी जबरदस्त इजाफा होगा।4.9 करोड़ टन सालाना माल ढुलाई बढ़ेगीसरकार के अनुसार, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, खाद और कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए इन रूट्स की क्षमता बढ़ेगी, जिससे हर साल करीब 4.9 करोड़ टन अतिरिक्त माल ढोया जा सकेगा। यह कदम रेलवे के सुचारू संचालन और भीड़ को कम करने की दिशा में अहम साबित होगा।