देश में कोरोना के केस में धीरे-धीरे कमी आ रही है लेकिन इस बीच आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोना के दौर में भी अयोध्या में राम मंदिर की नींव भराई का काम 24 घंटे चल रहा है. हालांकि काम करने के तरीके को थोड़ा बदल दिया गया है. इसमें मैनपावर कम और मशीनों से ज्यादा काम लिया जा रहा है. अब तक मंदिर परिसर में नींव की 400×300 फुट की चार परतें भी तैयार हो चुकी हैं.
मंदिर निर्माण की पुरानी तकनीक से ही नींव भरने का काम शुरू
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि नींव के प्लैटफॉर्म की एक लेयर 12 इंच मोटी बिछाई जाती है, फिर उसे रोलर से दबाया जाता है. जब 2 इंच दबकर लेयर 10 इंच की हो जाती है, तब दूसरी लेयर बिछाते हैं. ऐसी 40-45 लेयर डालनी हैं. इसे बनाने में जो मटीरियल प्रयोग किया जा रहा है, उसमें पत्थर की गिट्टी, पत्थर का पाउडर, कोयले की राख और थोड़े सीमेंट का मिश्रण है. टीम ने नींव क्षेत्र का मलबा हटाने का काम इस साल मार्च के अंत तक पूरा कर लिया था. नीचे सिर्फ रेत की परत मिलने पर मंदिर निर्माण की पुरानी तकनीक से ही नींव भरने का काम शुरू करवाया गया.
2100 करोड़ से ज्यादा चंदा इकट्ठा
बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए 2,100 करोड़ रुपए से ज्यादा का चंदा इकट्ठा हुआ है. शुरू में 1,100 करोड़ रुपए जुटाने का अनुमान था, लेकिन ट्रस्ट को देशभर के लोगों से 1,000 करोड़ रुपए ज्यादा मिले.
12-12 घंटे की दो शिफ्ट में काम
चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण का काम सातों दिन 24 घंटे चल रहा है. 12-12 घंटे की दो शिफ्ट में काम हो रहा है. लगभग 1 लाख 20 हजार घन मीटर मलबा निकाला गया है. एक फुट मोटी लेयर बिछाकर रोलर से समतल करने में 4 से 5 दिन लग रहे हैं. यह काम मार्च के पहले हफ्ते से बिना रुके चल रहा है. बीच में बारिश और खराब मौसम के कारण कई बाधाएं भी आईं. उन्होंने बताया कि अक्टूबर तक यह काम पूरा होने की उम्मीद है.
परकोटे की जमीन का काम पूरा
चंपत राय ने बताया कि परकोटा सीधा करने के लिए जितनी जमीन की जरूरत थी, वह काम हो चुका है. सिर्फ पश्चिम के परकोटे का कोना ठीक होना बाकी है. इसके लिए राम जन्मभूमि परिसर से सटे भवन स्वामियों से बातचीत की जा रही है. मटीरियल तैयार करने के लिए परिसर में दो बड़े प्लांट लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण में लगे सभी मजदूर और इंजिनियर स्वस्थ हैं.
महंत सुनाएंगे मंदिर निर्माण की गाथा
अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के साथ इसके निर्माण की गाथा भी देश-विदेश के राम भक्तों तक पहुंचाने की तैयारी है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट यह काम मंदिरों के महंतों के माध्यम से करेगा. महासचिव चंपत राय ने सोमवार से ग्रुप में कुछ संतों को परिसर ले जाकर निर्माण की प्रगति दिखाने का काम शुरू किया है. पहले चरण में महंत सुरेश दास, महंत कन्हैया दास, महंत राम नरेश दास, महंत सुखदेव दास, हनुमान गढ़ी के प्रधान पुजारी रमेश दास, महंत राघवाचार्य, महंत श्रीधराचार्य और महंत अवधेश दास को निर्माण दिखाया गया है. ट्रस्ट के मुताबिक, रोज कुछ संतों को निर्माण दिखाकर उनका मार्गदर्शन भी लिया जाएगा.