Patna Desk: जिस तरह से हम अपने बच्चों को पालते है वैसे ही राज्यवासी एक पेड़ लगाए और उसे बच्चो की तरह पाले ये अपील की है सांसद रामकृपाल यादव ने. उन्होंने ये भी कहा है कि, आज जो कोरोना में लोगों को ऑक्सीजन की कमी झेलनी पड़ रही है अगर पेड़ लगाए जाते तो प्राकृतिक रूप से ऑक्सीजन की कमी नही होती और लोगों को कई गंभीर बीमारियों से नहीं जुझना पड़ता.
आपको बता दें, विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर मारवाड़ी युवा मंच ने वृक्षारोपण कार्यक्रम किया था. इस विश्व पर्यावरण दिवस पर शनिवार को जनपद में विविध कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए पौधारोपण एंव संरक्षण पर जोर दिया गया. पौधों का जीवन में महत्व को बताते हुए इसकी महत्ता को समझाया गया. पर्यावरण दिवस में राजनीतिक दल से लेकर सामाजिक संगठनों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया.
इधर, बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव भी कार्यक्रम में शामिल हुए सांसद ने वृक्षारोपण किया और लोगों से पर्यावरण बचाने और स्वच्छ रखने की अपील की. साथ ही इस मौके पर उन्होंने ट्विट के जरिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं …. आइये हम सब ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ पर पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प धारण करें …
आपको बता दें, शनिवार को रामकृपाल यादव ने रतन टोला और हल्दी छपरा में चल रहे कटाव से बचाव कार्य का जाएजा लेने पहुंचे. उन्होंने लगभग 20 करोड़ की राशि से गंगा के कटाव के बचाव में लगाए जा रहे जिओ बैग का भी जयजा लिया. उन्होंने कहा कि रतन टोला बड़ी आवादी वाली बस्ती है. इस गांव के हर घर का एक दो सदस्य फौज में है. पिछले वर्ष बाढ़ आई तो गंगा गांव के बहुत नजदीक पहुंच गई. उस समय से हमारा प्रयास रहा है कि मनेर प्रखंड के इस टोले को बचाया जाए.
उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि मुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री ने मेरा आग्रह माना है और यहां कटाव से बचाव कार्य के लिए रतन टोला और हल्दी चपरा के कटाव को बचने के लिए लगभग 20 करोड़ की लागत से बचाव कार्य का काम चल रहा है. साथ ही दानापुर में भी कटाव को बचाने का कार्य हो रहा है.
मालूम हो कि, मनेर का ये गांव ऐसा है जहां के हर घर का कम से कम एक जवान फौज में है. शायद इसी वजह से इस गांव को ‘फौजियों का गांव’ के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन आज इस गांव की स्थिति ऐसी है कि, ये गांव गंगा नदी में समाने की कगार पर है. बरसात अभी शुरू भी नहीं हुई है लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है. जिससे इस गांव के लोग खौफ में हैं.