रिलायंस ने रचा इतिहास, बनी इतने लाख करोड बाजार हैसियत वाली पहली भारतीय कंपनी

Sanjeev Shrivastava


नयी दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का बाजार पूंजीकरण सोमवार को 12 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया। कंपनी के शेयरों में तेजी के चलते कंपनी को यह मुकाम मिला है। कारोबार के दौरान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर कंपनी का शेयर 3.64 फीसदी चढ़कर 1,947 रुपये पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में कंपनी का शेयर 3.70 फीसदी की बढ़त के साथ 1,947.70 रुपये पर पहुंच गया। शेयर भाव में इस तेजी के चलते कंपनी का बाजार पूंजीकरण बीएसई पर 38,163.22 करोड़ रुपये बढ़कर 12,29,020.35 रुपये पर पहुंच गया।

रिलायंस इंडस्ट्रीज सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में सबसे अधिक लाभ में चल रही है। दरअसल रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के जियो प्लेटफॉर्म्स में एक और बड़ा निवेश हुआ है। हाल ही में वायरलेस टेक्नोलॉजीज सेक्टर की दिग्गज कंपनी क्वालकॉम इनकॉरपोरेटेड की इनवेस्टमेंट कंपनी क्वालकॉम वेंचर्स ने जियो में 730 करोड़ रुपये निवेश करने का एलान किया था। इस सौदे के लिए जियो की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। क्वालकॉम वेंचर्स जियो प्लेटफॉर्म में 0.15 फीसदी की हिस्सेदारी लेगी। 12 सप्ताह के भीतर जियो प्लेटफार्मों में यह 13वां निवेश है। क्वालकॉम के निवेश के साथ जियो अब तक 118,318.45 करोड़ रुपये जुटा चुकी है।

जियो प्लेटफार्म में निवेश की शुरुआत फेसबुक ने की थी। फेसबुक ने करीब 44 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। फेसुबक के बाद सिल्वर लेक पार्टनर्स (दो निवेश), विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडला, एडीआईए, टीपीजी, एल कैटरटन, पीआईफ और इंटेल कैपिटल कंपनी में निवेश कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त जापानी कंपनी टीसुजुकी हरियाणा के झझर स्थित रिलायंस की मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप में 75 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। रिलायंस की इकोनॉमिक टाउनशिप में जापानी कंपनियों का यह तीसरा बड़ा निवेश है।

जापानी कंपनियां पैनासोनिक और डेंसो पहले ही यहां निवेश कर चुकी हैं। रिलायंस के ‘मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप लिमिटेड’ (MET) यानी रिलायंस मेट में टीसुजुकी छह एकड़ में अपना प्लांट लगाएगी। कंपनी ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए स्टेयरिंग निकल्स बनाएगी। हरियाणा को देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर का गढ़ माना जाता है, टीसुजुकी के निवेश के बाद उम्मीद की जा रही है कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और बल मिलेगा।

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