Patna Desk: कोरोना महामारी के दौरान हम सभी ने किसी ना किसी अपने को खोया है. ऐसे में कई फिल्मी हस्तियों और उद्योगपतियों ने इस महामारी में जान गंवा चुके वैसे परिवारों के लोंगो के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया. तो किसी ने अपने सामर्थ्य के हिसाब से लोंगो की मदद की है.
वहीँ रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ने भी अपने कर्मचारियों के परिवारों के लिए मदद के लिए आगे हाथ बढ़ाया है. RIL ने ‘रिलायंस फैमिली सपोर्ट एंड वेलफेयर स्कीम’ के तहत कोरोना के कारण अपनी जान गवां देने वाले कर्मचारियों के परिवारों की आर्थिक मदद करने का ऐलान किया है. ये स्कीम ना केवल उन परिवारों को आर्थिक संकट से उबरने में सहयोग करेगी, बल्कि उनके भविष्य को सवांरने में भी कारगर साबित होगी.
देखिये क्या कुछ फायदे मिलेंगे इस स्कीम के अंतर्गत कर्मचारियों और उनके परिवारों को:
· कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले हर कर्मचारी के परिवार को 5 साल तक हर महीने सैलरी दी जाएगी
· दिवंगत कर्मचारियों के बच्चों का स्कूल से ले कर ग्रेजुएशन तक का 100% खर्च कंपनी उठाएगी
· जो दिवंगत कर्मचारी पे-रोल पर नहीं थे, उनके परिवार को भी 10 लाख तक का आर्थिक सहयोग दिया जायेगा
· सभी दिवंगत कमर्चारियों के जीवनसाथी, माता-पिता और बच्चों को 100% लाइफटाइम मेडिकल कवरेज दिया जाएगा
किसी कर्मचारी या उसके परिवार के किसी सदस्य के संक्रमित होने पर वो कर्मचारी तब तक कोविड-19 लीव का इस्तेमाल कर सकता है, जब तक वो शारीरिक और मानसिक रूप से एकदम स्वस्थ महसूस नहीं करता. यही नहीं, संक्रमित व्यक्ति के इलाज का सारा खर्च भी कंपनी द्वारा भरा जायेगा, जिसमें कर्मचारी, उनके पार्टनर (जीवनसाथी), माता-पिता और कमर्चारी के ऊपर निर्भर बच्चों का हॉस्पिटल खर्च शामिल होगा.
अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों को हिम्मत बंधाने के लिए मुकेश अंबानी और नीता अंबानी ने एक संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने अपने वर्कर्स को इस बात का आश्वासन दिया है कि कंपनी हर हालात में उनका ख्याल रखेगी. उन्होंने कहा है कि “जिन साथियों ने कोरोना के कारण अपनी जान गँवा दी है, रिलायंस उनके परिवार के साथ खड़ा है. हम रिलांयस परिवार के हर सदस्य के लिए ‘रिलायंस फैमिली सपोर्ट एंड वेलफेयर स्कीम’ की घोषणा कर रहे हैं. किसी भी मृतक के नॉमिनी को उसकी आखिरी सैलरी जितनी धनराशि सहायता के तौर पर अगले 5 सालों तक दी जाएगी. वहीँ दिवंगत कर्मचारियों के बच्चों के लिए भारत के किसी भी इंस्टिट्यूट में ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई के साथ-साथ किताबों, ट्यूशन फीस और हॉस्टल फीस का खर्चा भी कंपनी उठाएगी.”