NEWSPR डेस्क। मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मो कुद्दुस की तरफ से तत्कालीन कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह और वर्तमान रजिस्ट्रार डॉ हबीबुर रहमान पर लगाये गये वित्तीय अनियमितता के आरोपों पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने गंभीर रुख दिखाया है। कार्यालय से राजभवन को एक चिट्टी लिखी गई है, जिसमें कहा गया है कि आरोप गंभीर है, इसकी जांच होनी चाहिए। मुख्यमंत्री कार्यालय से चिट्टी मिलने के बाद राजभवन में हाइ लेवल बैठक हुई। बैठक में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति के प्रभार से प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह को मुक्त कर दिया गया। उनके जगह नये कुलपति नियुक्त करने का फैसला लिया गया। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे थे। वहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पीपीयू और नालंदा ओपेन विवि के प्रति कुलपति की नियुक्ति को लेकर विमर्श किया।
दूसरी तरफ, प्रो आरके सिंह को पाटलिपुत्र विवि का नया कुलपति बनाया गया है। बुधवार को राजभवन ने इसकी अधिसूचना जारी की। अभी मिथिला विवि के कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह यहां के प्रभार में थे। प्रो आरके सिंह अल्मोड़ा के द्वारहट बीटीकेआइटी में इसीइ के हेड ऑफ डिपार्टमेंट रहे हैं। वहीं, प्रो संजय कुमार नालंदा ओपन विवि के प्रति कुलपति बने हैं।
इधर, मौलाना मजहरूल हक विवि के कुलपति प्रो कुद्दुस के आरोपों के बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सभी विवि में इस मामले की व्यापक जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक या दो विश्वविद्यालयों में ही जांच किये जाने से काम नहीं चलेगा। सभी विवि में इस मामले में व्यापक जांच करायी जानी चाहिए। वहीं दूसरी ओर ललित नारायण मिथिला विवि के वीसी प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह ने मौलाना मजहरूल हक अरबी- फारसी विवि के वीसी प्रो कुद्दुस द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को झूठा एवं मनगढंत बताया है। कहा है कि मेरी छवि धूमिल हुई है। मैं प्रो कुद्दुस के खिलाफ कोर्ट में जाऊंगा। ऐसे झूठे आरोपों और षड्यंत्रों से मैं विचलित होने वाला नहीं हूं। मेरी 47 वर्षों की साफ-सुथरी शैक्षणिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने का षड्यंत्र रचा। मैं किसी भी जांच का स्वागत व इसमें सहयोग भी करूंगा।