NEWSPR DESK- कयास लगाया जा रहा था कि रालोसपा और जदयू का कभी भी विलय हो सकता है लेकिन कयास लगाया जा रहा था कि एक बार फिर से कुशवाहा अपनी मुख्य पार्टी में वापसी करेंगे कुशवाहा सोमवार को जदयू के वरिष्ठ नेता वरिष्ठ नारायण सिंह के साथ करोना का टीका लगवाने के लिए अस्पताल पहुंचे.
वैसे उपेंद्र कुशवाहा का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से रूठने और फिर उनसे जुड़ने का यह पहला मौका नहीं है उपेंद्र ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही की थी नीतीश कुमार ने उन्हें आगे भी बढ़ाया हालांकि कई बार मतभेद के कारण उपेंद्र कुशवाहा पार्टी छोड़ फिर वापस आ गए.
जदयू छोड़ने के बाद कोई बड़ा प्लेटफार्म नहीं मिला…
आपको बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा जब-जब जदयू से अलग हुए हैं उन्हें एक बार छोड़कर कोई बड़ा प्लेटफार्म नहीं मिला वर्ष 2014 में एनडीए के तहत लोकसभा चुनाव लड़े और 3 सीटें जीती उपेंद्र कुशवाहा मंत्री भी बने लेकिन 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 2 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा बाद में वे महागठबंधन का भी हिस्सा बने पर 2020 के चुनाव के पहले ही वहां से अपने को अलग कर लिया फिर कई दलों का गठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव में उतरे और उन्हें सफलता हासिल तक नहीं लगी.