बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन कर्नाटक के दौरे पर, जानें उदेश्य

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बंगलुरू में आज कर्नाटक सरकार के पीडब्लूडी के मंत्री सीसी पाटिल से मुलाकात की। नवीन दो दिवसीय दौरे पर बंगलुरू में हैं। उनके यात्रा का उद्देश्य कर्नाटक राज्य के सड़क निर्माण में Best Practices को समझना है। आज हुए बैठक में कर्नाटक के मंत्री के अतिरिक्त, पी०डब्लू०डी० विभाग के सचिव, मुख्य अभियंता, PWD एवं वरिष्ठ अभियंताओं के साथ-साथ बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक संजय कुमार भी शामिल हुए।


बैठक में कृषि, उत्पाद एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों को संपर्कता पथों के माध्यम से देने पर कर्नाटक सरकार द्वारा उठाये गये कदम पर चर्चा हुई। Hybrid Annuity Model, PPP Model, व्यवसायिक ऋण पर विस्तृत चर्चा हुई। कर्नाटक रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा बनाये जा रहे 4/6 लेन पथों और इसके वित्तीय संपोषण के बारे में विस्तार से बताया गया। बैठक के दौरान रोड अस्थि प्रबंधन के संबंध में चर्चा हुई। नई तनकीक के द्वारा किस प्रकार Planning, Budgeting, Programming, Road Safety का ध्यान रखा जाता है। सूचना एवं प्रावैद्यिकी के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई।
पथ निर्माण मंत्री ने परियोजना प्रबंधन में IT की भूमिका की भी जानकारी ली। यह भी बताया गया कि कर्नाटक राज्य में वर्ष 2020-21 Core Road Network के अंतर्गत 36120 कि०मी० सड़क का चयन किया गया है।
पथ निर्माण मंत्री के द्वारा बिहार में पथों के विकास के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। बैठक के अंत में नवीन ने कर्नाटक मंत्री को बिहार आने का न्योता दिया तथा बिहार के पथों के विकास को देखने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने बताया कि बिहार केन्द्र प्रायोजित कार्यक्रम के क्रियान्वयन में भारत में चौथे नंबर पर है। उन्होंने विशेष तौर से बताया कि बिहार राज्य की भौगोलिक स्थिति ऐसी है जहाँ गंगा नदी इसे उत्तर और दक्षिण भाग में बाँटती है। अगले चार वर्षों में प्रत्येक 40 कि०मी० पर गंगा के उपर पुल तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि Planning के कारण बिहार में सड़कों का जाल बिछा है और प्रति एक लाख की आबादी पर 135.02 कि०मी० सड़क है। उन्होंने बताया कि सड़कों के निर्माण में औद्योगिक कलस्टर को जोड़ने और प्राचीन धरोहरों एवं सांस्कृतिक स्थल को जोड़ने हेतु विस्तृत परियोजना पर काम चल रहा है। रोड मास्टर प्लान के तहत अगले 20 वर्षों में सड़कों एवं पुलों का निर्माण कराया जाएगा।

राज्य में सड़क परिवहन तीव्र, सुरक्षित, सुगम, सुखद एवं सुविधायुक्त हो, इन सिद्धांतों पर सरकार द्वारा आधारभूत ढ़ांचे का विकास किया जा रहा है।
राज्य में सभी राज्य उच्च पथों को कम-से-कम 2 लेन चौड़ीकरण (7 मी0) की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
राज्य में कुल 63 राज्य उच्च पथ हैं, जिनकी कुल लंबाई 3713.97 कि0मी0 है। 2517.25 कि0मी0 की चौड़ाई 7 मी0 है। 350.865 कि0मी0 पथांश में 7 मी0 की चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। 266.50 कि0मी0 लंबाई में 7 मी0 चौड़ीकरण निर्माण कार्य निविदा की प्रक्रिया में है। बची हुई 116.925 कि0मी0 लंबाई को चरणबद्ध तरीके से 7 मी0 में चौड़ा किए जाने की योजना है।
राज्य में वाहनों की अधिक संख्या के फलस्वरूप यातायात घनत्व में अत्यधिक वृद्धि हुई है। इस पृष्ठभूमि में राज्य सरकार महत्वपूर्ण ‘‘वृहद् जिला पथो” को चिन्हित कर राज्य उच्च पथों के रूप में उत्क्रमित करने की योजना बना रही है।
राज्य उच्च पथों के विकास के लिए राज्य सरकार ने राज्य के संसाधनों के अतिरिक्त Asian Development Bank से ऋण प्राप्त किया है। अबतक एशियन डेवलपमेंट बैंक से रु० 8500 करोड़ की राशि प्राप्त हो चुकी है एवं रु० 2400 करोड़ की राशि पर सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो गई है, जो अगले दो वर्षों में बिहार को मिलेगी।
राज्य के राज्य उच्च पथों सहित वृहद जिला पथों के उत्कृष्ठ संधारण हेतु प्रभावकारी व्यवस्था स्थापित की गई है। सभी राज्य पथों को दीर्घकालीन संधारण नीति के अंतर्गत सतत, उत्कृष्ट संधारण सुनिश्चित किया जाता है। पथ निर्माण विभाग द्वारा समय समय पर पथों की Riding Quality का आँकलन International Roughness Index (IRI) की मापी के आधार पर किया जा रहा है तथा राज्य उच्च पथों पर सड़क सुरक्षा संबंधी सभी मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाता है जिसमें Road Marking, signages विद्यालयों के पास rumble strip, प्रतीक चिन्ह आदि शामिल है।
बिहार सरकार के सात निश्चय भाग-2 में ‘‘सुलभ संपर्कता घटक” के अंतर्गत राज्य के सभी पथों में जाम होने वाले स्थलों को चिन्हित किया है। प्रारंभिक तौर पर ऐसे 120 स्थल चिन्हित किए गए हैं। इन स्थानों पर वाईपास पथों के निर्माण की योजना पर कार्य किया जा रहा है, इससे जाम से छुटकारा मिलेगा तथा आवागमन में लगने वाले समय में कमी होगी और यातायात सुगम एवं सुरक्षित हो सकेगा।
पथ निर्माण विभाग इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए चरणबद्ध तरीके से योजना पर अमल कर रही है।

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