NEWSPR डेस्क। खबर रोहतास जिला के डेहरी से है जहां डालमियानगर में एक महिला ने अपने बड़े चाचा की मृत्यु के बाद अपने हाथों से मुखाग्नि दी तथा उनका अंतिम संस्कार किया। महिला सशक्तिकरण की ये कहानी डालमियानगर की है जहां जन्म से विकलांग कामता सिंह आजीवन अविवाहित थे, वे अपनी भतीजी के साथ ही रहा करते थे 80 साल की उम्र में जब उनका निधन हुआ, तो उनकी भतीजी सीमा ने उनका मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।
डिहरी के सोन नदी के किनारे श्मशान घाट पर कामता सिंह का जब अंतिम संस्कार किया जा रहा था तो अविवाहिता के रहने के कारण कोई संतान नहीं होने पर उनको मुखाग्नि देने को लेकर जब सवाल खड़े होने लगे तो आजीवन सेवा करने वाली भतीजी सीमा आगे आई तथा कही कि जब उन्होंने अपने दिव्यांग बड़े पापा का पूरी जिंदगी सेवा की ऐसे में मुखाग्नि देने का अधिकार उन्हीं को बनता है।
पुरुषवादी इस क्रियाकलाप में अकेले महिला मौजूद होकर हाथों में अग्नि पुंज लेकर जब मुखाग्नि दी तो नारी शक्ति की मिसाल पेश हो गई एक महिला बेटी-बहू बनकर सेवा भी कर सकती है तो अंतिम संस्कार में भी उसकी भूमिका कम नहीं आंका जा सकता सीमा अपने बड़े चाचा को मुखाग्नि देकर संतुष्ट हैं।