पटना: बिहार में नदियों से बालू खनन की गतिविधियां आगामी अक्टूबर माह से फिर शुरू होने जा रही हैं। इसके मद्देनज़र खान एवं भूतत्व विभाग ने उन सभी बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया को रफ्तार दे दी है, जो अब तक अत्यधिक आरक्षित मूल्य या बड़े आकार के कारण नीलाम नहीं हो सके थे।
हाल ही में उपमुख्यमंत्री एवं खान मंत्री विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें उन तमाम घाटों की स्थिति पर गहन मंथन किया गया जिनकी नीलामी अब तक अधूरी रह गई थी।
आरक्षित राशि पर हो सकता है पुनर्विचार
बैठक में मंत्री ने संकेत दिया कि यदि आरक्षित राशि अधिक होने की वजह से घाटों की नीलामी में बाधा आ रही है, तो आवश्यकतानुसार उसमें संशोधन पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने जिलों के सहायक निदेशक और खनिज विकास पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जिलाधिकारियों से समन्वय बनाकर समयसीमा के भीतर घाटों की नीलामी को सुनिश्चित करें।
प्रचार-प्रसार के आदेश, पारदर्शिता पर ज़ोर
मंत्री ने नीलामी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि घाटों की सूचना के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराए जाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा बोलीदाता इस प्रक्रिया में भाग ले सकें। इससे सरकार को राजस्व में वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय विकास योजनाओं को गति देने में भी मदद मिलेगी।
अवैध खनन पर लगेगी रोक
विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया सिर्फ राजस्व अर्जन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण और राज्य के खनिज संसाधनों का संगठित व नियोजित दोहन भी है।
सरकार नहीं करेगी किसी तरह की शिथिलता बर्दाश्त
बैठक में विभागीय सचिव, निदेशक और विभिन्न जिलों के खनिज विकास पदाधिकारी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह साफ संकेत है कि सरकार इस बार खनन से जुड़े सभी पहलुओं को गंभीरता से ले रही है और किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी को स्वीकार नहीं करेगी।