बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के 4621 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एकीकृत विज्ञान और गणित प्रयोगशालाओं की स्थापना की घोषणा की है।
इस पहल का उद्देश्य छात्रों की विज्ञान और गणित के प्रति रुचि बढ़ाना, उनकी नवाचारी सोच को विकसित करना और आधुनिक शिक्षा प्रणाली के साथ कदमताल करना है।
प्रयोगशालाओं की विशेषताएं:इन प्रयोगशालाओं में विज्ञान और गणित के लिए सभी आवश्यक उपकरण और किट एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे।
स्टेम शिक्षा को प्रोत्साहन:स्टेम इलेक्ट्रॉनिक्स, साइंस बॉट, और आरड्यूनो किट जैसे उन्नत उपकरण छात्रों के लिए उपलब्ध होंगे।इनसे छात्र सेंसर, कोडिंग, और ऑटोमेशन जैसे आधुनिक विषयों पर काम कर सकेंगे।
गणित और विज्ञान किट:विशेष उपकरण और मॉडल छात्रों को प्रायोगिक शिक्षा के जरिए गणित और विज्ञान की अवधारणाएं समझने में मदद करेंगे।छात्रों को कैसे मिलेगा लाभ?1. प्रायोगिक शिक्षा: यह पहल छात्रों को पाठ्यपुस्तकों से परे जाकर उपकरणों के साथ काम करने का अवसर देगी।2. कोडिंग और ऑटोमेशन का अनुभव: छात्र आधुनिक तकनीकों का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे।3. रुचि और नवाचार का विकास: यह कार्यक्रम छात्रों की रचनात्मकता और नवाचार क्षमता को बढ़ाएगा।4. आधुनिक तकनीक का ज्ञान: सरकारी स्कूलों के छात्रों को उन्नत तकनीकी उपकरण और शिक्षा तक पहुंच मिलेगी।बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (BEPC) की तैयारी:परिषद ने इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।