NEWSPR डेस्क। पटना में बड़ा हादसा होने से बच गया। कुछ परिवार के लिए त्योहार का खुशियों भरा महौल गम में बदल सकता था। लेकिन, SDRF की सर्तकता से ऐसा नहीं हुआ। गंगा नदी में डूब रहे तीन युवकों को समय पर रेस्क्यू कर लिया गया। इस कारण इनकी जान बच गई। मामला राजधानी में दीघा थाना के तहत जर्नादन घाट का है। तीनों युवक पटना के ही रूपसपुर इलाके के रहने वाले हैं। दरअसल, रुपसपुर के सहाय नगर इलाके के रहने वाले एक परिवार ने नवरात्र के मौके पर अपने घर में कलश की स्थापना की थी। दोपहर में आज पूरा परिवार गंगा में कलश विसर्जन करने के लिए दीघा के जर्नादन घाट गया था। परिवार के साथ आया 17 साल का एक युवक गंगा नदी में पैर धोने के लिए घाट से कुछ दूर आगे बढ़ा। इसी बीच उसका बैलेंस बिगड़ा और पैर गहराई में चला गया।
इसे डूबता हुआ देख आदित्य बचाने गया। लेकिन बचाने के चक्कर में आदित्य भी डूबने लगा। इन दोनों को डूबता देख वहां मौजूद तीसरे युवक ने बचाने की कोशिश की पर वह भी डूबने लगा। वहां पर मौजूद परिवार के बाकी सदस्यों और दूसरे लोगों के बीच हड़कंप मच गया। माहौल अफर-तफरी का बन गया। इन सभी की किस्मत अच्छी थी कि जिस जगह पर ये डूब रहे थे, वहां से कुछ दूरी पर ही SDRF की टीम पूरे इंतजाम के साथ पहले से मुस्तैद थी। SI झीमिलाल की टीम ने तेजी से अपना रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इसके बाद एक-एक तीनों युवकों को डूबने से बचा लिया गया। अब ये तीनों सही सलामत हैं।
SDRF के कमांडेंट मो. फोरगोद्दीन के अनुसार कलश और प्रतिमा विसर्जन के दौरान नदियों में इस तरह की घटनाओं के होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए SDRF पहले से अलर्ट है। राज्य के अलग-अलग शहरों के कुल 57 घाटों और तालाबों पर उनकी 23 टीम पहले से तैनात है। यही वजह है कि समय पर पटना में रेस्क्यू ऑपरेशन चल सका और गंगा में डूब रहे तीनों युवकों की जान बचाई जा सकी।