छठ पूजा से पहले बेतिया में सनसनी: पोखरे से निकला 16 फीट लंबा मगरमच्छ, वन विभाग ने 6 घंटे में किया रेस्क्यू

Jyoti Sinha

बिहार के बेतिया जिले से छठ पूजा से पहले एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बगहा के गौनाहा प्रखंड के माधोपुर गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब छठ घाट की सफाई के दौरान एक विशाल मगरमच्छ पोखरे से निकल आया। करीब 16 फीट लंबा और लगभग ढाई क्विंटल वजनी यह मगरमच्छ अचानक पानी के भीतर से बाहर आया, जिससे मजदूरों और ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई।

यह वही पोखरा था जहां छठ पूजा के लिए घाट की तैयारी चल रही थी। मजदूर जब पोखरे की सफाई कर रहे थे, तभी पानी के भीतर हलचल महसूस हुई। शुरू में सबको लगा कि कोई लकड़ी या बड़ा पत्थर है, लेकिन जब वह हिलने लगा और पानी में लहरें उठीं, तो लोगों के होश उड़ गए। कुछ ही देर में पूरे गांव में खबर फैल गई और सैकड़ों लोग उस जगह पहुंच गए।

मजदूर पर मगरमच्छ का हमला, बाल-बाल बची जान

सफाई के दौरान मगरमच्छ ने एक मजदूर पर झपट्टा मारने की कोशिश की, लेकिन वह समय रहते पीछे हट गया और उसकी जान बच गई। मजदूर की चीख सुनकर बाकी लोग भाग खड़े हुए। चश्मदीदों के मुताबिक, मगरमच्छ कुछ समय तक पोखरे के उथले हिस्से में घूमता रहा और फिर धीरे-धीरे गहराई में चला गया। इस बीच कई ग्रामीणों ने अपने मोबाइल से वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। घटना के बाद ग्रामीणों ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी।

6 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

सूचना मिलते ही रेंजर विजय प्रसाद के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और एक बड़ा रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। मगरमच्छ का आकार काफी बड़ा होने की वजह से ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था। टीम ने पहले पोखरे का पानी धीरे-धीरे निकाला, ताकि उसकी स्थिति का पता चल सके। इसके बाद जाल और रस्सियों की मदद से मगरमच्छ को काबू करने की कोशिश की गई। करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार टीम उसे सुरक्षित पकड़ने में सफल रही।

पूरी प्रक्रिया को देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण पोखरे के किनारे खड़े रहे। कई लोग इसे अपने मोबाइल कैमरे में कैद करते दिखे। रेंजर विजय प्रसाद ने बताया कि यह मगरमच्छ लगभग 16 फीट लंबा और 2.5 क्विंटल के आसपास वजनी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की सतर्कता की वजह से बड़ा हादसा टल गया।

गंडक नदी में छोड़ा जाएगा मगरमच्छ

वन विभाग ने बताया कि मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ने के बाद उसकी सेहत की जांच की जाएगी और फिर उसे गंडक नदी में छोड़ा जाएगा, जो मगरमच्छों का प्राकृतिक आवास है। अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे ऐसे जलाशयों में सफाई या पूजा की तैयारी करते समय सतर्क रहें, क्योंकि गंडक नदी से जुड़े कई पोखरों में जलीय जीव पाए जाते हैं।

रेंजर विजय प्रसाद ने कहा, “इतने विशाल मगरमच्छ का मिलना एक दुर्लभ घटना है। यह इस बात का संकेत है कि हमारे जलाशय जैव विविधता से भरपूर हैं। डरने की जरूरत नहीं है, बस सावधानी जरूरी है।”

इस तरह छठ पूजा की तैयारियों के बीच घटी इस रोमांचक घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी, लेकिन वन विभाग की तत्परता से स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया।

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