NEWSPR डेस्क। बिहार में 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद धीरे धीरे नीतीश सरकार इसे लेकर थोड़ा नरम रवैया अपना रही। 6 साल बाद नीतीश सरकार ने इसमें बड़ा संशोधन किया है। बता दें कि आज बुधवार को बिहार विधानसभा में शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 पेश किया गया। जिसमें कई बड़े बदलाव हो गए हैं। इससे पहले हालांकि साल 2018 में भी कानून में थोड़ा बदलाव किया गया था लेकिन इस बार इस कानून में काफी बड़ा संशोधन किया गया है।
नए शराबबंदी कानून में पियक्कड़ों को बहुत छूट दी गई है। पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर मजिस्ट्रेट द्वारा जुर्माना लेकर छोड़ा जा सकता है। जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की जेल हो सकती है। बार-बार शराब पीकर पकड़े जाने पर न जुर्माना लिया जाएगा न एक महीने की जेल होगी। इस तरह की परिस्थिति में कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
इस तरह के मामलों में सुनवाई एक साल के अंदर पूरी करनी होगी। भारी संख्या में पुलिस अवैध शराब पकड़ती है तो पुलिस को अधिकार होगा की शराब का सैंपल रखकर बाकी बची शराब नष्ट कर दें। पुलिस को ऐसा करने के लिए कलेक्टर से अनुमति की जरूरत नहीं होगी।
कानून में ये बड़े संशोधन-
- धारा-37 में सजा पूरा कर चुका आरोपी जेल से छूट जाएगा
- नजदीकी कार्यपालक मजिस्ट्रेक के समक्ष पेश किया जाएगा
- जुर्माना देकर छूट सकता है पकड़ा गया आरोपी
- जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की सजा हो सकती है
- नमूना सुरक्षित रखकर जब्त सामान को नष्ट किया जा सकेगा
- तलाशी, जब्ती, शराब नष्ट करने को लेकर है विशेष नियम
- बार-बार पकड़े जाने पर जेल और जुर्माना दोनों होगा
- इसके लिए परिवहन की चुनौती और भूभाग की समस्या दिखाना होगा
- डीएम के आदेश तक जब्त वस्तुओं को सुरक्षित रखना जरूरी नहीं
- मामले की सुनवाई एक साल के अंदर पूरी करनी होगी
- जुर्माने की राशि राज्य सरकार तय करेगी
- पुलिस को मजिस्ट्रेट के सामने जब्त सामान नहीं पेश करना होगा
- पुलिस पदाधिकारी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पेश कर सकते हैं