शारदा सिन्हा के निधन के बाद आज उनकी अंतिम यात्रा निकाली बता दें कि आज वह पंचतत्व में विलीन हो जाएंगे. पिछले कुछ समय से वह कैंसर (मल्टीपल मायलोमा) से जूझ रही थीं और उनका इलाज दिल्ली के एम्स में चल रहा था। उन्होंने अपने आखिरी वक्त तक बिहार की लोकसंगीत परंपरा को जीवित रखा। चूंकि उनकी तबीयत पिछले कुछ दिनों से बिगड़ रही थी, इस वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
पटना के गुलबी घाट पर उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जा रही है ।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और पटना में उनकी अंतिम यात्रा का आयोजन राजकीय सम्मान के साथ करने का निर्देश भी दिया था। शारदा सिन्हा को उनके योगदान के लिए “बिहार की स्वर कोकिला” के नाम से जाना जाता है और उनकी आवाज छठ पर्व की गीतों में विशेष रूप से समाई हुई है, जो उनकी सांस्कृतिक धरोहर को यादगार बनाती है।