* ‘वूमेन बिहाइंड द लायन’ के दूसरे संस्करण के विमोचन पर पारिवारिक हालात से कराया रुबरु
* कि हर एक आदमी की सफलता में उसकी किसी औरत का योगदान होता हैः शिवदीप
NEWSPR डेस्क। बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी डीआईजी शिवदीप लांडे ने अपने द्वारा लिखी गई किताब ‘वूमेन बिहाइंड द लायन’ के दूसरे संस्करण के विमोचन के मौके पर बताया कि बचपन में उनके जो हालात थे और जो पारिवारिक परिस्थितियां थी उससे वे गुस्से में आ गए थे। इतना ही नहीं एक बार गुस्से में अपने पिता की हत्या कर देने की सोचने लगे थे। डीआईजी लांडे ने बहुत ही ईमानदारी और साफगोई से कहा कि इसकी वजह साफ थी।
दरअसल, शिवदीप लांडे के पिता पेशे से सरकारी कर्मी थे, लेकिन वे नशे के आदी थे। ड्रग एडिक्ट होने के कारण परिवार की स्थिेति खराब हो गई थी। पिता की नौकरी छूट जाने के बाद पारिवारिक हालात बद से बद्दतर होते चले गए थे। ऐसे में शिवदीप लांडे की मां ने परिवार को संभाला और अपने दोनों बेटों को बेटियों को साहस, धैर्य, अनुशासन का पाठ पढ़ाया। शिवदीप लांडे अपनी मां से प्रेरित होकर न केवल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पास की बल्कि आईपीएस बनकर अपने कंधे पर अशोक स्तंभ भी लगाया।
अपनी किताब अपनी मां को समर्पित करते हुए कहा है कि हर एक आदमी की सफलता में उसकी किसी औरत का योगदान होता है और उनकी सफलता में उनकी मां का बहुत बड़ा योगदान है। शिवदीप लांडे के बारे में कहते हैं बिहार ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, आगे बिहार पर आधारित एक पुस्तक लिखना चाहते हैं।