नौकरी पाने के लिए बेटा ने कर दिया पिता की हत्या, पुलिस ने बेटा और दोस्त को किया गिरफ्तार

Puja Srivastav

NEWSPR डेस्क। आरा भोजपुर के चांदी थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव निवासी झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपति नाथ तिवारी की हत्या की गुत्थी पुलिस द्वारा सुलझा दी गई है। अनुकंपा पर नौकरी के लिए ड्रग्स एडिक्ट बेटे द्वारा ही अपने दोस्त के साथ उनकी हत्या कर दी गई थी। साक्ष्य मिटाने के लिए हत्या में इस्तेमाल धारदार हथियार और खून लगे जैकेट को सोन में फेंक दिया गया। हालांकि तकनीकी साक्ष्य के आधार पर पुलिस द्वारा दोनों को हजारीबाग से गिरफ्तार कर लिया गया है।

इनमें हवलदार पशुपति नाथ तिवारी के इकलौते पुत्र विशाल कुमार तिवारी और हजारीबाग निवासी मो. जीशान अहमद जिलानी शामिल हैं। हजारीबाग के लोसिंगना थाना क्षेत्र के नूरा हजारीबाग के लेख रोड निवासी ज़ीशान अहमद जिलानी और विशाल कुमार तिवारी जिगरी दोस्त बताये जा रहे हैं। पुलिस की पूछताछ में दोनों द्वारा हत्या की बात स्वीकार कर ली गई है। हत्या कांड का खुलासा करते हुए एसडीपीओ सदर-2 रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि हजारीबाग पीसीआर में पोस्टेड झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपति नाथ तिवारी पत्नी के साथ पिछले दिनों अपने गांव आये थे।

19-20 दिसंबर की रात घर में सो रहे हवलदार की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। 20 दिसंबर की सुबह हत्या की सूचना मिलने के बाद तकनीकी और वैज्ञानिक तरीके से जांच शुरू की गयी। उसी दौरान सीडीआर विश्लेषण के क्रम में हजारीबाग निवासी जीशान अहमद जिलानी का नाम आया। उस आधार पर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गयी, तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। बाद में उसकी निशानदेही पर हवलदार के बेटे विशाल कुमार तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। एसडीपीओ रंजीत कुमार सिंह के अनुसार कि दोनों से पूछताछ में स्वीकार किया कि विशाल कुमार तिवारी ड्रग्स लेने के आदी हैं। उसे लेकर हवलदार अपने बेटे से काफी परेशान रहते थे। वे उसका विरोध भी करते थे।

हाल में ही हवलदार ने गांव पर करीब दो बीघे जमीन का एग्रीमेंट भी कराया गया था। ‌उस बारे में की भी बेटे को जानकारी नहीं दी थी। उससे विशाल अपने पिता से पूरी तरह खफा चल रहा था। ऐसे में उसने अपने पिता की हत्या की साजिश रच दी। ताकि अनुकंपा पर नौकरी भी मिल जायेगी और पिता की डांट-फटकार से मुक्ति भी मिल जायेगी। एसडीपीओ ने बताया कि हत्याकांड में उनकी पत्नी की भूमिका की भी गहराई से जांच की जा रही है। जांच में संलिप्तता सामने आने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया जायेगा।

बाइक से हजारीबाग से गांव भगवतपुर आया और कर दी हत्या

एसडीपीओ रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि हजारीबाग निवासी कुतुबुद्दीन अहमद जिलानी के बेटे जीशान अहमद जिलानी ने बताया कि वेल्डर का काम करता है। ब्लिंकिट पर पार्सल पहुंचाने का काम करता है। हजारीबाग में आसपास घर होने की वजह से उसकी और विशाल से पंद्रह साल से अधिक की दोस्ती है। दोनों ड्रग्स के आदी थे। विशाल ने जीशान को बताया कि यह सब औरंगाबाद में सस्ते में मिलता है। उसे लेकर दोनों 19 दिसम्बर की शाम हजारीबाग से चले, लेकिन औरंगाबाद के बदले दोनों सीधे भगवतपुर गांव आ गए।

रात करीब डेढ़ बजे दोनों भगवतपुर पहुंचने के बाद घर के अहाते में घुसकर घर के पीछे के रास्ते से घर के अंदर प्रवेश कर गए। उसके बाद दोनों द्वारा सोए अवस्था में पशुपतिनाथ तिवारी की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी गई। उस दौरान विशाल कुमार तिवारी द्वारा अपने पिता के अंगूठे की अंगुली भी रेत दिया गया, ताकि कोई अंगूठे के निशान नहीं ले सके। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों उसी रात बाइक से ही वापस हजारीबाग लौट गए। उस दौरान घटना में इस्तेमाल धारदार हथियार सहित अन्य सामान को सहार पुल से सोन नदी में फेंक दिया दिया गया।

दो साल से चल रही थी हत्या की साजिश, बहू ने दी थी सचेत रहने की सलाह

एसडीपीओ ने बताया कि घटना के बाद जांच तकनीकी साक्ष्य के आधार पर हत्याकांड की जांच शुरू की गयी, तो हजारीबाग के जीशान अहमद जिलानी का नाम सामने आया। उस आधार पर ईशान को हजारीबाग से पकड़ लिया गय। सख्ती से पूछताछ में जीशान द्वारा सारा राज उगल दिया गया। पूछताछ में जीशान ने बताया कि करीब दो साल से हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी की हत्या की साजिश चल रही थी। हवलदार को रास्ते से हटाने को लेकर विशाल ने कई बार प्रयास किया गया.

लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इसी बीच 13 दिसंबर को चोरी की सूचना पर हवलदार अपनी पत्नी के साथ अपने गांव आ गए। वहां साजिश के तहत हवलदार की हत्या कर दी गयी। बता दें कि शुक्रवार की रात भगवतपुर गांव निवासी स्व. रामसुरेश नाथ तिवारी के 59 वर्षीय पुत्र सह झारखंड पुलिस हवलदार घर में सो रहे थे। उसी दौरान अज्ञात अपराधियों द्वारा धारदार हथियार से उनकी गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। उनका दाहिने हाथ का अंगूठा भी काट लिया गया था। झारखंड के हजारीबाग में तैनात हवलदार पशुपति नाथ तिवारी घर में चोरी की सूचना पर रविवार को अपने गांव आये थे।

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