सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड का मामला एक मिस्ट्री के साथ-साथ राजनीति का अहम मुद्दा भी बन चुका है। इसी को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने पार्टी मुखपत्र सामना में कई आरोप लगाए हैं। संजय राउत ने बिहार पुलिस और केंद्र पर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ साजिश रचने का इल्जाम लगाया है।
सांसद संजय राउत ने कहा, ‘जिस हिसाब से बिहार और दिल्ली में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के ऊपर राजनीति हो रही है, उससे मुझे लगता है कि यह महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ साजिश है। मुंबई पुलिस पूरी तरह से मामले की जांच करने और सच को बाहर लाने में सक्षम है।’ संजय राउत ने सुशांत मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह फैसला राजनीतिक लाभ और दबाव की रणनीति के तहत लिया गया है।
अपने साप्ताहिक कॉलम में संजय राउत ने लिखा, ‘यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सीबीआई के बारे में ऐसी ही राय थी, जब वे गुजरात की राजनीति में सक्रिय थे। उन्होंने गोधरा दंगों और उसके बाद हुई हत्याओं (2002 में गुजरात में) के मामले को सीबीआई को सौंपे जाने का विरोध किया था। अगर सुशांत सिंह की मौत के मामले को केंद्रीय एजेंसी को दिए जाने पर भी वही भावनाएं व्यक्त की जाती हैं, तो क्या गलत है।’
संजय राउत ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के मामले में मुंबई पुलिस की जांच को पूरा हो जाने दीजिए उसके बाद उसपर टिप्पणी कीजिये। उन्होंने बिहार पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि सुशांत की मौत के लगभग 40 दिन के बाद बिहार में FIR दाखिल की गई, इसमें बिहार के मुख्यमंत्री भी शामिल होते हैं। अगर इस पूरे मामले को सिलसिलेवार तरीके से देखें तो सुशांत सिंह मामले में कोई भी कहीं से भी बैठकर कहानी लिख रहा है और ठीक उसी कहानी को हकीकत में बदलने की कोशिश जारी है।