SPECIAL REPORT- जिंदगी से मोक्ष तक का सौदा सबका रेट होता है यहाँ शमशान में तय, NEWSPR की खास रिपोर्ट

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR DESK- कोरोना से देश में त्राहिमाम मचा है. हर दिन सैंकड़ों परिवार बिखर रहे हैं. लेकिन इस आपदा के घड़ी में जिंदगी से मोक्ष तक का सौदा किया जा रहा है. अगर आपके कोविड मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत है तो ऑक्सीजन प्लांट के बाहर कई सारे दलाल खड़े हैं, जो आपसे कुछ पैसा लेंगे और एक साथ कई लोग सिलिंडर लेकर लाइन में लग जायेंगे और समय से पहले ऑक्सीजन रिफिलिंग कर दे देंगे. ये तो था जिंदगी बचाने का सौदा. लेकिन अगर आपके मरीज की मौत हो गयी तो फ्री में मोक्ष भी नहीं मिलेगी.

नगर निगम का नियम अंतिम संस्कार नि:शुल्क, दलाल कह रहे 15 हजार का पैकेज…

बांस घाट पर दलालों ने रेट तय कर दिया है. सबसे शर्मनाक बात यह है कि यहां दलालों द्वारा पैकेज बनाया गया है. दलालों के समूह में एंबुलेंस चालक से लेकर अंदर और बाहर के कई दुकानदार भी शामिल हैं. अंदर के इसी शर्मनाक खेल का पर्दाफाश करने NEWSPR के संवाददाता ने शुक्रवार को बांस घाट पर स्टिंग ऑपरेशन किया.

शव और लकड़ी ढ़ोने का 2000, सजाने का 1500 और जलाने वाले लेंगे 2100..

NEWSPR संवाददाता विक्रांत ने जब बांस घाट में जाकर वास्तिवक स्थिति का जायजा लिया तो जो लोग यहां अपने संक्रमित लोगो के शवों को जलाने पहुचे तो उन्होंने जानकारी दी कि उनके परिवार में कोई कोरोना से मर गया तो अंदर बैठे एक दुकानदार कहते हैं कि भइया यहां नगर निगम सबको लकड़ी नहीं देता. इसके बाद इस बात की तस्दीक करने जब हमारे NEWSPR संवाददाता बांस घाट पर खुद जाते है.

तो नगर निगम के कर्मी से बात करते हैं हुए खुदको पीड़ित मृतक के परिजन बताते है औऱ उनके मामा जो संक्रमित थे उनकी मौत हो गई है और उनका शव IGIMS से अंतिम संस्कार के लिए पास घाट के लिए रवाना हो चुका है, ये सुन नगर निगमकर्मी बोलते हैं यहां नहीं गुलबी घाट जाइये. इसके बाद दुकानदार की बात सुनिये…उसने कहा कि इधर-उधर का चक्कर लगाते रह जाइयेगा भइया. मैं लकड़ी दिलवा दूंगा. दस हजार रुपये तक लकड़ी लगेगा. शव और लकड़ी ढ़ोने का 2000, सजाने का 1500 और जलाने वाला लेगा 2100. मुखाग्नि देगा न कोई. वही तो लाश नहीं जलायेगा. उसको जलाने वाला भी चाहिए न. इसलिए वह 2100 रुपये लेगा.

ऑक्सीजन प्लांट पर भी दलालों का अड्डा, पैसा लेकर लग रहे लाइन..

भइया हमार चाचा मर गइल बानि, जरा जल्दी अंतिम संस्कार करवाइ न…
हमारे संवाददाता बांस घाट के मुख्य द्वारा के अंदर पहले दुकानदार से बात की. रोते हुए संवाददाता पहुंचा और कहा भइया हमार चाचा मर गइल बानि, जरा जल्दी अंतिम संस्कार करवाइ न…यह सुन दुकानदार ने कहा – शव लेकर आये हैं. रजिस्ट्रेशन हो गया है. कूपन नंबर मिला. संवाददाता रोते हुए चाची की तबीयत भी बिगड़ गइल बा. थोड़ा जल्दी करवा दीहीं न…

दुकानदार: रात होता तो जल्दी हो जाता…दिन में बहुत रिस्क है. फिर भी कोशिश करते हैं जो आप लकड़ी में पैसा लगाइयेगा उससे आधे में ही शवदाह गृह में शव जल जायेगा. कोशिश करते हैं पहले शव तो ले आइये. यहां आइयेगा आपको किसी से बोल कर पहले करवा देंगे.
गुलबी घाट तक सेटिंग है भाई…

अगर आपको जानकारी नहीं है और गलती से बांस घाट पहुंच गये तो कोई बात नहीं यहां के दलाल आपको गुलबी घाट के दलालों का भी नंबर दे देंगे. बांस घाट पर दुकानदार के रूप में बैठे दलाल का नेटवर्क बहुत तगड़ा है. दुकानदार ने बताया कि आप चिंता मत कीजिए. आप सीधे एंबुलेंस को मोड़िए और पहुंच जाइये गुलबी घाट, वहां एक बंगाली बाबा है. बहुत नामी है. उनको मेरा नाम बताइयेगा. वह आपको सब काम करा देंगे. लकड़ी कम दाम में उपलब्ध करा देंगे. इधर-उधर कुछ थोड़ा पैसा लगेगा, वह भी मैनेज हो जाएगा. यूं समझिये न 15 हजार में आपका सब काम हो जायेगा. इसके बाद दुकानदार ने अपना नंबर दिया और बात कराने को कहा.

परिजनों ने कहा – शवदाह गृह में भी 300 रुपये ले रहा जलाने वाला..

संवाददाता ने जब बांस घाट पर अंतिम संस्कार कराने आये परिजन से बात की तो पता चला कि शवदाह गृह में भी जो कर्मी जला रहे हैं, वह भी तीन सौ रुपये ले रहे हैं. अगर जल्दी जलाना है तो उसमें बहुत पैरवी लगेगा. हम तो खुद बहुत परेशान हैं. सुबह से नंबर लगाये हैं. अभी लकड़ी से जलाने का नंबर आया है. बहुत जगह पैसा देना पड़ता है भइया.
ऑक्सीजन प्लांट : यहां इतना दलाल है कि हमलोग परेशान है

यहां इतना दलाल मौजूद है कि हमलोग बहुत परेशान है. यहां पर दलाल के दर्जनों लोग मौजूद है. उसको पैसा देकर लाइन में लगवा देता है. 100 या 200 रुपये देकर लाइन में लग गया. सिलिंडर जितना अधिक किलोग्राम का उतना अधिक पैसा. ये बातें नाम न छापने पर प्लांट के एक कर्मी ने बताया. उसने बताया कि अब तो महिला भी खड़ी हो जाती है. कई बार तो एक ही महिला दिन भर में दो से तीन बार आ जाती है, लेकिन इस लड़ाई-झगड़ने के कारण कुछ नहीं बोल पाते हैं. यही नहीं सभी जगह दलालों का खेल चल रहा है.

पटना से विक्रांत के साथ राजन सिंह की रिपोर्ट.. 

Share This Article