कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) समेत अन्य मसलों पर जारी राजनीति के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बिहार की बेटियों के लिए एक और बड़ा निर्णय लेते हुए प्रदेश में स्थापित होने वाले खेल विश्वविद्यालय (स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी) में नामांकन में एक तिहाई सीटें आरक्षित करने की घोषणा की है. इसका आदेश देते हुए उन्होंने कहा कि इससे खेल की ओर छात्राएं अधिक प्रेरित होंगी और उनकी संख्या भी बढ़ेगी. खेल विश्वविद्यालय स्थापित हो जाने से राज्य में खेलों को काफी बढ़ावा मिलेगा. विद्यार्थियों को बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट ग्राउंड सह स्पोर्टस एकेडमी के समीप खेल विश्वविद्यालय खोला जाना है. यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
प्रस्तावित विधेयक के दौरान दिया निर्देश
गौरतलब है कि सीएम नीतीश ने बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से खेल विश्वविद्यालय से संबंधित प्रस्तावित विधेयक के प्रस्तुतीकरण देखते हुए यह निर्देश जारी किया. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया कि यथाशीघ्र इस पर गहन विचार-विमर्श और स्थल भ्रमण करके फिर से इसे प्रस्तुत किया जाए. उन्होंने कहा कि जब से काम करने का मौका मिला है, विकास के कई कार्य करने के साथ-साथ खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए भी कई कदम उठाये गये हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश ने कही ये बात
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजगीर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम बनाया जा रहा है. राजगीर में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी स्थापित होने से राज्य में खेलों को काफी बढ़ावा मिलेगा और छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जा सकेगा और स्पोर्ट्स के विभिन्न आयामों की जानकारी दी जाएगी. इस दौरान कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव वंदना किनी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी एक्ट-2021 के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
राजगीर में खुल रहा खेल विश्वविद्यालय
मालूम हो कि राज्य में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए राजगीर में खेल विवि की स्थापना की जा रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट ग्राउंड सह स्पोर्टस एकेडमी के समीप खेल विश्वविद्यालय खोला जाना है. यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. सीएम का मानना है कि इससे खेलकूद के क्षेत्र में लड़कियां और बेहतर करेंगी. जानकारी के अनुसार खेल विश्वविद्यालय में कई तरह के कोर्स कराए जाएंगे. इसमें सभी प्रमुख खेलों से जुड़ा कोर्स होगा. इससे एक तो राज्य में बेहतर खिलाड़ी बनेंगे तो दूसरी ओर खेल के क्षेत्र में रोजगार भी मिल सकेगा. इसके अतिरिक्त राज्य के विश्वविद्यालयों में भी खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि खेल प्रतिभा को और बेहतर मंच मिल सके