NEWSPR डेस्क। मोतिहारी ज़िले के मानव तस्करी रोधी इकाई क्षेत्रक मुख्यालय रक्सौल (47वीं वा. एसएसबी रक्सौल) द्वारा दो नेपाली लड़कियों को मानव तस्करों के चुंगल में जाने बचा लिया। कस्टम चौक रक्सौल के पास मानव तस्करी रोधी इकाई क्षेत्रक मुख्यालय रक्सौल (47वीं वा.एस.एस.बी रक्सौल) टीम की महिला कांस्टेबल मिकी कुमारी व् अमृता कुमारी ने दो नेपाली लड़कियों को देख कर संदेह हुआ तो उन्होंने उन दोनों को रोक लिया। और बातचीत की तो लड़कियों ने बताया कि वो लोग लुधियाना, पंजाब में कपड़े के कारखाने में काम करने जा रही हैं और उन्हें 25 हजार रुपए वेतन भी मिलेगा।
वही पर इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा को उनकी बताई कहानी पर विश्वास नहीं हुआ तो नेपाल की एनजीओ आफ़नता नेपाल बीरगंज से संपर्क किया गया जिससे भाषा की समस्या ना आये। फिर जो लोग इन लड़कियों को पंजाब बुला रहे थे उनको फोन किया गया तो उन्होंने कहा कि हम लोगो का यहाँ लुधियाना पंजाब में कपड़े का कारखाना है इन लड़कियों को यही काम मिलेगा। इस बात से भी संतुष्ट नहीं होने पर इंस्पेक्टर शर्मा ने पंजाब बुलाने वालों के मोबाइल लोकेशन निकलवाई तो छपरा बिहार की लोकेशन निकली तो संदेह हुआ।
फिर आगे और जानकारी ली जाने लगी कुछ समय में पता चल गया कि लड़कियों को लुधियाना पंजाब में कपडे के कारखाने में काम दिलाने के नाम पर बिहार के छप्परा में एक आर्केस्ट्रा में धोखे से ले जाना था। इसके पश्चात जब लड़कियों के घर वालों से सम्पर्क किया गया तो पता चला कि इनके माता- पित्ता को भी इस बात कि कोई जानकारी नहीं है कि उनकी उनकी लडकियां भारत में काम करने जा रही हैं और उन्होंने आग्रह किया कि लड़कियों को ना जाने दिया जाए हम लोग उन्हें लेने रक्सौल आ रहे हैं। फिर लड़कियों को नेपाल पुलिस को बीरगंज में सौंप दिया गया।
इस प्रकार बहुत प्रयास के पश्चात मानव तस्करी रोधी इकाई क्षेत्रक मुख्यालय रक्सौल (47वीं वा.) द्वारा दो नेपाली लड़कियों को मानव तस्करों के चुंगल में जाने बचा लिया और जो लोग इन नेपाली लड़कियों को बुला रहे थे उनकी जांच शुरू कर दी गयी जिससे उन पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके। इस रेस्क्यू आपरेशन में सम्मलित रहे इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा, हवालदार राम कुमार, महिला कांस्टेबल मिकी कुमारी व् अमृता कुमारी, आफ्नता नेपाल बीरगंज से सुनीता सापकोटा , स्वच्छ से सामाजिक कार्यकर्ता रणजीत सिंह इत्यादि रहे।