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स्टाफ की ट्रेनिंग शुरू, इस दिन से ट्रेन का ट्रायल, जानिए कब से चलेगी पटना-रांची वंदे भारत

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NEWSPR डेस्क। अगर आप पटना से रांची या फिर रांची से पटना अकसर आते-जाते हैं तो एक गुड न्यूज है। जल्द ही पटना और रांची के बीच सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन शुरू होने जा रहा है। इसके उद्घाटन के लिए पटना में सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस के नए रेक पहुंच चुके हैं। रेलवे ने प्रतिष्ठित वंदे भारत के रखरखाव और यातायात संचालन के लिए लोको पायलटों और अन्य कर्मचारियों को स्पेशल ट्रेनिंग देने का फैसला किया है। इसके लिए टेक्निकल एक्सपर्ट्स की टीम जल्द दिल्ली से पटना पहुंच रही है। माना जा रहा कि 9 और 10 जून को पटना में स्टाफ को ट्रेन के ट्रायल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

ईसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) बीरेंद्र कुमार के अनुसार, पटना-रांची वंदेभारत की नई रैक देशभर के अलग-अलग जगहों से पटना पहुंच चुकी है। रेलवे ने बुधवार से नई वंदे भारत ट्रेन की आवश्यक कमीशनिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि नए रेक को राजेंद्र नगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स में रखा गया है। वहां रेलवे स्टाफ को इस ट्रेन की मेंटेनेंस वर्क के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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रेलवे की ओर से जून के तीसरे हफ्ते में पटना-रांची रूट पर वंदे भारत का ट्रायल रन शुरू किए जाने की संभावना है। वहीं वंदेभारत ट्रेन का संचालन इस महीने के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, ट्रायल रन के दौरान रेलवे एक्सपर्ट यह सुनिश्चित करेंगे कि पूरे रूट पर ट्रेन के संचालन या सिग्नलिंग की कोई समस्या नहीं है। सीपीआरओ के अनुसार, रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस से यात्रा करने वाले यात्रियों का किराया वंदे भारत के लिए निर्धारित फेयर स्लैब के अनुसार किया है।

सीपीआरओ ने बताया कि रेलवे जल्द ही इस ट्रेन के शेड्यूल और टिकट की जानकारी आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर मुहैया कराया गया है। इसके साथ ही रेलवे स्टेशनों पर पीआरएस काउंटरों पर टिकटों की उपलब्धता की भी जानकारी देगा। सूत्रों के अनुसार, नई वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर कई बदलाव किया गया है।

नए रेक में फ्लाइट की स्टाइल में सीटें दी गई हैं। नई वंदे भारत रेक मुश्किल से 140 सेकंड में 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड हासिल कर लेती है। सूत्रों ने कहा कि प्रत्येक कोच में चार इमरजेंसी विंडो दिए गए हैं। ट्रेन टक्कर से बचने के लिए इस ट्रेन में स्वदेशी प्रणाली ‘कवच’ का प्रावधान है।

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