NEWSPR डेस्क। मुहर्रम का महीना 11 अगस्त से शुरू हो चुका है। मुहर्रम का दसवां दिन आशूरा होता है। इस दिन मुहर्रम मनाया जाता है। इस वर्ष 20 अगस्त यानी की शुक्रवार यानी आज मुहर्रम की दवसवीं तारीख है। इस मौके पर जेडीयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता संजीव श्रीवास्तव ने प्रदेशवासियों को मुबारकबाद दी है।
गौरतलब है कि मुहर्रम हिजरी कैलेंडर का पहला महीना है। शिया समुदाय के लिए ये मातम का माह होता है, जिसे कि वो इमाम हुसैन की शहादत के शोक में मनाते हैं। हिजरी महीने के 10वें दिन को ‘मुहर्रम’ का सबसे पावन दिन माना जाता हैं क्योंकि इस्लाम की रक्षा के लिए हजरत इमाम हुसैन ने इसी दिन अपने प्राण त्याग दिए थे, इसी वजह से 10वें ‘मुहर्रम’ का सबसे ज्यादा महत्व है, जिसे कि ‘आशूरा’ कहते हैं ।
ये है महत्व : हज़रत इमाम हुसैन इस्लाम के पैंगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे थे. उन्होंने इस्लाम और मानवता की रक्षा के लिए अपनी अपने परिवार और दोस्तों की कुर्बानी दे दी. इसी शहादत की याद में शिया मुसलमान ताजिया निकालते हैं. यह ताजिया उन शहीदों का प्रतीक माना जाता है. इस ताजिया के साथ जुलूस निकालकर फिर उसे प्रतीकात्मक रूप से दफनाया जाता है. जैसे इमाम हुसैन का मकबरा इराक में आज भी है. इसीलिए दुनिया भर के मुसलान के लिए यह गम का महीना है. मुहर्रम का 10वां दिन आशूरा का दिन और हुसैन के बहादुर बलिदान को याद करने का दिन है.
आशूरा का दिन मुसलमानों के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन यह बताया जाता है कि इस दिन मूसा और उसके अनुयायियों ने मिस्र के फिरौन पर विजय प्राप्त की थी।
ऐसे मनाया जाता है ये दिन : मुहर्रम को शिया मुसलमानों के समुदाय द्वारा हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने और शोक करने का दिन माना गया है, जो मुहर्रम की पहली रात के शोक से शुरू होता है और अगले 2 महीने और 8 दिनों तक जारी रहता है।
बता दें, मुहर्रम का दसवां दिन जोकि अंतिम दिन है, देश में अवकाश का होता है. इसलिए इस दिन सरकारी कार्यालय अकसर बंद ही रहते हैं।