NEWSPR डेस्क। नौ दिनों तक श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना के बाद लोगों ने विजयादशमी के दिन मां दुर्गा की प्रतिमा को अंतिम विदाई दी। अररिया में प्रतिमा विसर्जन में दोनों समुदाय के बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी देखी गई। यहां प्रतिमा विसर्जन विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। यहां सभी प्रतिमाओं को एक साथ विसर्जित की जाती है। निर्धारित समय के अंदर सभी मूर्तियां चांदनी चौक पर इकट्ठा होती है। इसके बाद सभी प्रतिमाओं को ठाकुरबाड़ी रोड होते हुए कालीमंदिर चौक ले जाई जाती है।
काली मंदिर चौक पर कुछ देर तक रखने के बाद सभी प्रतिमाएं पंचकौड़ी चौक होते हुए परमान नदी किनारे तिरसुलिया घाट पहुंचती है। इसके बाद हजारों की भीड़ अश्रुपूर्ण नेत्रों से प्रतिमा को विसर्जित की जाती है। इस दौरान इस दौरान हजारों की भीड़ से उठने वाली माता के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहता है। विसर्जन में शहर के तमाम महिलाएं, बच्चे, बूढ़ों के साथ-साथ सभी बुद्धिजीवी, नेता और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति होती है। खासकर जब प्रतिमा चांदनी चौक और कालीमंदिर चौक पर पहुंचती है तो दर्शनार्थियों की भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि प्रशासन को भी मुस्तैद रहना पड़ता है।