NEWSPR डेस्क। बिहार के खगड़िया जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है। जिले के अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिलाओं का बंध्याकरण हुआ है। चिकित्सकों ने बंध्याकरण के मानक को ताक पर रखकर महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया है। जिसके बाद महिलाओं ने हंगामा मचा दिया।
सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मिशन 60 डेज के तहत मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर खगड़िया में स्वास्थ्य कर्मियों ने नया कारनामा कर दिया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दर्जनों महिलाओं को बिना बेहोशी का इंजेक्शन दिये ही उनका ऑपरेशन कर दिया।
महिलाओं का कहना है कि वो दर्द से चीखती रहीं, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। महिलाओं की मानें तो वे ऑपरेशन के समय दर्द से कराहती रहीं। उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। डॉक्टर वहां मौजूद नहीं थे। उन्हें जबरन ऑपरेशन थियेटर में ले जाकर ऑपरेट कर दिया गया। बंध्याकरण के दौरान महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन दिया जाता है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
वहीं पूरे मामले पर सिविल सर्जन अमरकांत झा ने कहा कि जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसा क्यों हुआ? इसमें कौन से कर्मचारी और चिकित्सक शामिल थे, इसका पता लगाया जाएगा और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। महिलाओं ने बताया कि उन्हें जमीन पर लिटा दिया गया था। इंजेक्शन नहीं दिया गया था। कोई भी सुविधा नहीं दी गई थी। घटना के बाद खगड़िया के स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो गया है।