बिहार में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पुलिस ने अब अपराधियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बिहार पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। हालात यह हैं कि अपराधियों को अब किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की लगातार कार्रवाई से साफ है कि या तो अपराधी जेल में होंगे या फिर मिट्टी में मिलेंगे। बीजेपी नेता भी लंबे समय से इसी तर्ज पर बयान देते रहे हैं कि बिहार में अपराधियों की जगह या तो जेल में है या जहन्नुम में। हाल के दिनों में पुलिस के अभियान से यह बात हकीकत में बदलती दिख रही है।
तीन महीने में चार मुठभेड़, दर्जनों अपराधी गिरफ्तार
बीते तीन महीनों में बिहार में पुलिस और अपराधियों के बीच चार बड़ी मुठभेड़ हुई हैं। पटना, अररिया, मुंगेर, गया और भोजपुर जैसे जिलों में पुलिस ने कुख्यात अपराधियों को धर दबोचा है। जनवरी 2025 में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने 50-50 हजार के इनामी दो कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया, जबकि आठ नक्सलियों को भी हिरासत में लिया गया। अब तक कुल 227 अपराधी पकड़े जा चुके हैं, जिनमें 29 इनामी बदमाश भी शामिल हैं।पुलिस की कार्रवाई में अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने पर खास ध्यान दिया जा रहा है। अपराधियों की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत कार्रवाई कर उन्हें घेर रही है। लगातार हो रही छापेमारी से अपराधियों के बचने के रास्ते बंद हो रहे हैं।
विशेष टास्क फोर्स का बड़ा प्रहार-
राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष टास्क फोर्स (STF), स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और जिला पुलिस के संयुक्त अभियान से अपराधियों पर लगाम कसी जा रही है। एसटीएफ की विशेष जांच इकाइयां (SIG), चीता बल और अभियान दल मिलकर माफिया नेटवर्क, हथियार तस्करी और फिरौती जैसे अपराधों पर लगातार प्रहार कर रहे हैं। एसटीएफ ने 15 विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) तैयार किए हैं, जो राज्य के अलग-अलग हिस्सों में अभियान चला रहे हैं।नक्सल गतिविधियों पर कड़ी नजरराज्य में नक्सलवाद भी तेजी से सिमट रहा है। खड़गपुर और छक्कबरबंधा के इलाकों में ही अब नक्सली गतिविधियां सीमित रह गई हैं। पुलिस का लक्ष्य है कि आने वाले तीन महीनों में इन क्षेत्रों को भी पूरी तरह उग्रवाद मुक्त किया जाए। इसके लिए झारखंड सीमा से सटे इलाकों में भी अभियान तेज किया गया है।
डिजिटल तकनीक से बढ़ी पुलिस की ताकत-
अपराधियों की धरपकड़ में बिहार पुलिस आधुनिक तकनीक का सहारा ले रही है। एसटीएफ और जिला सूचना इकाइयों के बीच बेहतर समन्वय बनाकर डेटा एनालिटिक्स और रियल-टाइम इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है। डिजिटल निगरानी से अपराधियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी हो रही है।टॉप अपराधियों पर खास नजरपुलिस लगातार टॉप-10 और टॉप-20 अपराधियों की सूची अपडेट कर उन पर कड़ी नजर रख रही है। जेल में रहकर या राज्य से बाहर बैठकर अपराध करने वाले अपराधियों को भी पुलिस के रडार पर रखा गया है। इनके मददगारों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है।
अवैध हथियार तस्करी पर लगाम की तैयारी-
बिहार में अवैध हथियारों की तस्करी और गोलियों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के लिए नई नीति लाने की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अपराधियों के खिलाफ तेज और प्रभावी कार्रवाई जारी रखें।बिहार पुलिस की यह सख्ती राज्य में अपराध पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है।