बिहार में लगातार बढ़ती आपराधिक घटनाओं को देखते हुए पुलिस प्रशासन अब सख्त एक्शन मोड में आ गया है। अपराधियों की बढ़ती दबंगई को रोकने के लिए पुलिस अब एक के बाद एक ठोस कदम उठा रही है। इसी क्रम में पटना समेत पूरे रेंज में अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर डीएसपी और एएसपी स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।अब किसी भी क्षेत्र में अपराध की रोकथाम और कार्रवाई की प्रत्यक्ष जवाबदेही डीएसपी और एएसपी रैंक के अफसरों पर होगी। इस संबंध में रेंज आईजी ने शुक्रवार को पटना पुलिस कार्यालय में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की, जो करीब डेढ़ घंटे तक चली। बैठक में सभी सिटी एसपी, डीएसपी, एएसपी और थानाध्यक्ष शामिल हुए।रेंज आईजी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि डीएसपी और एएसपी के कार्यों का मासिक मूल्यांकन स्वयं उनके स्तर से किया जाएगा। जिन अधिकारियों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहेगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।आईजी ने सभी अनुमंडलों में एक विशेष पुलिस टीम के गठन का निर्देश भी दिया है, जिसकी कमान डीएसपी संभालेंगे।
यह टीम किसी भी स्थान पर छापेमारी कर सकेगी और जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों से भी समन्वय स्थापित कर कार्रवाई कर सकेगी।इसके अलावा, संवेदनशील इलाकों में गश्ती की निगरानी खुद डीएसपी और एएसपी द्वारा की जाएगी, ताकि अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सके। इससे पहले आईजी ने सभी एसपी को रात में खुद सड़कों पर निकलकर हालात की जांच करने का भी आदेश दिया था।बैठक में यह भी चिंता जताई गई कि कई कुख्यात अपराधी जेल में रहकर भी अपराध की साजिश रच रहे हैं। ऐसे में उन पर विशेष निगरानी जरूरी है। साथ ही, हाल ही में जेल से छूटे सुपारी किलर, लुटेरे और डकैतों की एक सूची तैयार कर उनके गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। थानों को ऐसे अपराधियों की गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग करने को कहा गया है।