बिहार सरकार ने सरकारी कामकाज में लापरवाही और अनियमितता पर अब सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने साफ शब्दों में अधिकारियों को चेताया है कि अगर किसी भी अधिकारी की लापरवाही या भ्रष्टाचार सामने आया तो उस पर विभागीय स्तर पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि गैर-जिम्मेदाराना रवैया अब किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।वायरल वीडियो पर तुरंत होगी कार्रवाई, एसओपी तैयारमुख्य सचिव ने यह भी निर्देश जारी किए कि सोशल मीडिया पर यदि किसी सरकारी अफसर का गलत व्यवहार या लापरवाही से जुड़ा वीडियो वायरल होता है तो उसपर फौरन एक्शन लिया जाए।
इस प्रक्रिया के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने की जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग को दी गई है, ताकि ऐसे मामलों में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।लापरवाही पर नहीं मिलेगी राहतमीणा ने बैठक में अधिकारियों को दो टूक कहा कि सिस्टम में ईमानदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करनी ही होगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर अधिकारी खुद अपने दायित्वों का पालन नहीं करेंगे तो जनता का भरोसा टूटेगा। इसके अलावा लंबित मामलों के जल्द निपटारे के लिए भी सभी विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने पूछा कि आखिर कौन से कारणों से मामले अटके हुए हैं और उनके समाधान के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।ऊर्जा की बचत पर विशेष ध्यान, सरकारी इमारतों में ऑडिट अनिवार्यमीणा ने यह भी निर्देश दिया कि सभी सरकारी दफ्तरों और भवनों में ऊर्जा खपत की ऑडिट कराई जाए। उन्होंने कहा कि फिजूलखर्ची रोकने के लिए यह प्रक्रिया बेहद जरूरी है। साथ ही, सभी कार्यालयों में एलईडी बल्बों के उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही, जिससे बिजली की खपत में 80% तक की बचत हो सके। सरकारी स्कूलों, अस्पतालों और अन्य भवनों में हीटिंग और कूलिंग सिस्टम के सही इस्तेमाल पर भी जोर दिया गया है।केंद्रीय योजनाओं की राशि समय पर खर्च होमुख्य सचिव ने विभाग प्रमुखों को यह भी हिदायत दी कि केंद्र सरकार द्वारा दी गई योजनागत राशि का पूरा और समय पर उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि हर योजना के घटक पर निगरानी रखी जाए, ताकि बजट का सही तरीके से उपयोग हो सके और विकास कार्यों में तेजी लाई जा सके।