बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के ताज़ा नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नीतीश कुमार की सरकार पर जनता का भरोसा कम नहीं हुआ है। घोषित परिणामों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट के 29 में से 28 मंत्री अपनी-अपनी सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रहे, जबकि सिर्फ मंत्री सुमित कुमार सिंह को चकाई से हार का सामना करना पड़ा। यह परिणाम एनडीए सरकार के कामकाज और उनके गठबंधन की मजबूती का संकेत देते हैं।बीजेपी ने भी अधिकतर क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया है।
सोहसराय से रत्नेश सदा, दरभंगा सदर से संजय सरोगी, जाले से जीवेश कुमार मिश्रा, कुढ़नी से केदार प्रसाद गुप्ता और साहेबगंज से राजू कुमार सिंह जैसे प्रमुख नेताओं ने बड़े अंतर से जीत हासिल की।इसके अलावा जेडीयू और एनडीए के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी सीटों पर कब्जा बनाए रखा— जिनमें सरायरंजन से विजय कुमार चौधरी, बछवाड़ा से सुरेंद्र मेहता, लखीसराय से विजय कुमार सिन्हा, तारापुर से सम्राट चौधरी, फुलपरास से शीला कुमारी मंडल, सुपौल से बिजेंद्र प्रसाद यादव, गया टाउन से प्रेम कुमार और छातापुर से नीरज कुमार सिंह बबलू शामिल हैं।मंत्रियों की भारी जीत दर्शाती है कि जनता ने सरकार की विकास योजनाओं, स्थिर नेतृत्व और कार्यशैली पर फिर से भरोसा जताया है।
ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवारों को निर्णायक बढ़त मिली, जिससे एनडीए का मनोबल और भी ऊंचा हुआ है।हालांकि चकाई में सुमित कुमार सिंह की हार चर्चा में रही, लेकिन यह पूरा परिणाम नीतीश सरकार को प्रबल जनादेश मिलने का संकेत देता है। मंत्रिपरिषद के 28 सदस्यों की जीत से आने वाले दिनों में सरकार के गठन और नीतिगत फैसलों में एनडीए की स्थिति और मजबूत हो जाएगी।