NEWS PR डेस्क। राज्य भर के लगभग एक हजार से ज्यादा जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग के साथ बुधवार से अनिश्चितकलनी हड़ताल पर हैं. अभी डॉक्टरों की हड़ताल खत्म नहीं हुई है. तो वही दूसरी ओर राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्र भी जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में उतर गए हैं. आयुर्वेद कॉलेज में एक संगोष्ठी का आयोजन कर आयुर्वेद से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने जूनियर डॉक्टरों का समर्थन किया है. साथ ही साथ बिहार सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का अल्टीमेट भी दिया है. वैध पवन कुमार ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों की मांग बिल्कुल सही है. सरकार जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा करे, नहीं तो आयुर्वेद कॉलेज के छात्र भी उनके समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
हड़ताल के प्रभाव:-
जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल से राज्य के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों की स्थिति चरमरा गई है. गरीब और मिडिल क्लास के मरीज बेहाल, बेबस और लचार हैं. हालांकि जूनियर डॉक्टरों ने कोविड-19 की सेवा को बाधित नहीं किया है. सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
गौरतलब है कि बीते दिनों एलोपैथी के डॉक्टरों ने आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों को शल्य चिकित्सा की अनुमति मिलने के बाद विरोध किया था. लेकिन आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों ने जूनियर डॉक्टरों का समर्थन कर पैथी की लड़ाई को दरकिनार कर दिया है, और एकजुटता का परिचय दे रहे हैं.
पटना से चन्द्रमोहन की रिपोर्ट