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आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा को मिली मंजूरी, 11 को डॉक्टरों का हड़ताल

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NEWSPR डेस्क। एलोपैथी के डॉक्टरों ने हड़ताल का आह्वान कर दिया है. आगामी 11 दिसंबर को सभी एलोपैथिक के डॉक्टर संयुक्त रूप से कार्य बहिष्कार करेंगे. दरअसल हड़ताल का फैसला IMA के आह्वान के बाद डॉक्टरों ने लिया है. IMA ने आयुर्वेदिक कॉलेजों को शल्य चिकित्सा की अनुमति मिलने के बाद यह फैसला लिया है.

आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों और वैधों ने निकाली धन्यवाद यात्रा:-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए रविवार को राजधानी पटना में आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों और वैधों में धन्यवाद यात्रा निकाली. यात्रा की समाप्ति कदमकुआं से होते हुए कारगिल चौक पटना पर की गई. आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रिंसिपल दिनेश प्रसाद ने बताया कि सुश्रुत शल्य चिकित्सा के जनक है. हम एलोपैथिक के डॉक्टरों का विरोध नहीं कर रहे. फिर भी न जाने क्यों वे लोग आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा की अनुमति का विरोध कर रहे हैं. जबकि सुश्रुत ही आयुर्वेद के माध्यम से विश्व में शल्य चिकित्सा को बढ़वा दिए थे.

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आयुर्वेद कॉलेज के अधीक्षक विजय शंकर दुबे ने बताया कि आयुर्वेद कॉलेज के छात्र शल्य चिकित्सा के लिए दक्ष हैं. जो सुविधाएं एलोपैथी में मिल रही है. वही सुविधा आयुर्वेद में भी है. डॉक्टरों के बिच में पैथी की लड़ाई नहीं होनी चाहिए. इस बात को समझने की जरूरत है. आने वाले दिनों में भारत को विश्व गुरु बनाने में आयुर्वेद की भूमिका अहम रहेगी.

गौरतलब है कि आयुर्वेद में शल्य चिकित्सा की अनुमति मिलने के बाद से एलोपैथी के डॉक्टर गोलबंद है. वो लगातार सरकार के फैसलों का विरोध कर रहे हैं. एलोपैथिक वाले आरोप लगा रहे हैं कि आयुर्वेद के डॉक्टर शल्य चिकित्सा नहीं कर सकते हैं. वो केवल नॉर्मल बीमारियों में इलाज के लिए ही सक्षम हैं.

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