बिहार के किसानों के लिए सुशील मोदी ने किया बड़ा ऐलान, जाने क्या मिलेगा फायदा

Sanjeev Shrivastava

पटनाः बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में काष्ठ आधारित उद्योगों को शामिल करने से किसानों व उद्योगों को फायदा मिलेगा। आपको बता दें कि राजधानी पटना में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि अब राज्य के किसानों के करोड़ों पेड़ों को बाजार मिलेगा। साल 2012-13 से 2018-19 के बीच कृषि वानिकी को प्रोत्साहित किया गया। जिसके फलस्वरूप किसानों ने निजी भूमि पर 5 करोड़ पॉपुलर सहित अन्य प्रजातियों के 8.82 करोड़ पेड़ लगाए हैं।

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उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बांस की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए दो दो टिशू कल्चर लैब भी स्थापित किए गए हैं। इससे कागज उद्योग, दियासलाई, प्लाईवुड व विनियर टिंबर तथा बांस आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। बता दें आपको कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कृषि वानिकी का उद्देश्य किसानों की आमदनी में वृद्धि करना है।

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उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले 9 से 10 सालों में लगाए गए पेड़ अब परिपक्व हो गए हैं। जिन्हें काष्ठ आधारित उद्योगों को बेचकर किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। राज्य में फर्नीचर, पैकिंग, कृषि सामग्री, खेलकूद के सामान, प्लाईवुड, विनियर व दियासलाई उद्योग के विकास की असीम संभावनाएं हैं। कृषि रोड मैप के तहत बिहार में बड़ी संख्या में टिंबर प्रजाति के सागवान, शीशम, महोगनी व आदि के साथ करीब 5 करोड़ से अधिक पॉपुलर के पेड़ लगाए गए हैं। टिंबर प्रजाति के पेड़ों की लकड़ियों का उपयोग जहां इमारतों व फर्नीचर उद्योग में होता है। वहीं पॉपुलर से प्लाईवुड आदि बनाए जाते हैं। नई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति में कष्ट आधारित उद्योगों को शामिल करने से किसानों को बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान, वैट की प्रतिपूर्ति के अवाला कई अन्य फायदे मिलेंगे।

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