NEWSPR डेस्क। बिहार TET-2017/CTET उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का समूह आज पटना में महा-आंदोलन सह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। चयनित अभ्यर्थियों को अति शीघ्र नियुक्ति पत्र जारी करने की मांगे को लेकर गर्दनीबाग में धरना दे रहे हैं। धरना दे रहे अभ्यर्थियों का आरोप है कि नियुक्ति पत्र कब दिया जायेगा, सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिलता है। साथ ही छात्रों ने शिक्षा मंत्री के बयान पर आपत्ति जताई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने पंचायत चुनाव के बाद नियुक्ति पत्र देने की बात कही है। लेकिन कब देंगे इसके लिये कोई डेट निर्धारित नहीं किया जा रहा है। सरकार की ओर से कई आश्वसान झूठी साबित हुई है। अभ्यर्थियों का समूह जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरा करने और ज्वाइनिंग लेटर देने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पहले की बहाली में काउंसलिंग के जस्ट बाद ज्वाइनिंग लेटर दी जाती थी, लेकिन हमलोगों को झुलाया जा रहा है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि टीचरों को जॉब देने की राज्य सरकार की मानसिकता ही नहीं है।
आपको बता दे बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हुआ है। ऐसे में प्रदर्शनकारी छात्रों को उम्मीद है कि सत्र में उनका मुद्दा भी उठेगा। सरकार पर दवाब बनाने के लिये ही अभ्यर्थियों ने आज से महा आंदोलन शुरू किया है। आपको बता दें बिहार में 90 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया चल रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि पांच महीने पहले ही चयन हो चुका है, लेकिन अब तक सरकार ने नियुक्ति पत्र नहीं दिया है। प्रारंभिक शिक्षकों के 90,762 पदों पर छठे चरण की नियोजन प्रक्रिया 2019 में शुरू हुई थी। यह अब तक पूरी नहीं हुई है। इस वर्ष जुलाई और अगस्त में दो राउंड की काउंसिलिंग में 38 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है, लेकिन उन्हें अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। चयनित अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट शिक्षा विभाग के पास जमा है।
वहीं दूसरी ओर अभ्यर्थी यह मांग भी कर रहे हैं कि जिन स्थानों पर काउंसिलिंग नहीं हुई है, वहां जल्द से जल्द काउंसिलिंग कराई जाए। जिन अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है, उनके सर्टिफिकेट की जांच जल्द से जल्द करने के बाद नियुक्ति पत्र दिया जाए। टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) भी शिक्षक अभ्यर्थियों के समर्थन में उतर आया है। टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया, बिहार में शिक्षकों के लगभग तीन लाख से अधिक पद खाली हैं, फिर भी सरकार मात्र 38 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने में आनाकानी कर रही है। अगर बिहार सरकार सच में बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहती है तो अविलंब सभी टीईटी, सीटीईटी, एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दें।