धुएं से शहर की हवा नहीं होगी जहरीली, अस्पतालों से निकलने वालें कचरे से बनेगा खिलौना

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। पटना मेडिकल स्टोर से निकलने वाला प्लास्टिक अब आपके बच्चों का खिलौना बनेगा। गुड्‌डे-गुड्‌डी से लेकर कार और प्लेन तक इससे बनेगा। रामचक बैरिया में सोमवार से चालू हो रहे हाईटेक आटोमेटिक कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट से यह संभव होगा। पटना सहित 6 जिलों के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे से यहां खिलौना बनाने की प्रक्रिया होगी। इस नए हाईटेक प्लांट के चालू होते ही पटना के शहरी लोगों को भी मेडिकल वेस्ट के धुएं से निजात मिल जाएगी।

पटना सहित बिहार के आधा दर्जन जिलों के निजी और सरकारी अस्पतालों से आने वाले कचरे का ट्रीटमेंट अब विशेष तरह से किया जाएगा। पटना के रामचक बैरिया में कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट को संगम मेडिसर्व प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने तैयार किया है, जिसे वह IGIMS के सहयोग से चलाएगी। कंपनी के MD हरिओम शरण द्विवेदी का कहना है कि सोमवार से इस हाईटेक आटोमेटिक प्लांट का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय करेंगे। उन्होंने बताया कि इसमें डबल ऑटो क्लेब होगा, जिसमें प्लास्टिक के मेडिकल वेस्ट को हाई टेम्प्रेचर पर रखा जाएगा, जिससे वह पूरी तरह से संक्रमण मुक्त हो जाएगा। इसके बाद प्लास्टिक के छोटे-छोटे दाने बनाए जाएंगे, जिसका इस्तेमाल खिलौना बनाने में किया जाएगा।

पटना, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, बक्सर और नालंदा के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों का कचरा इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्था में लगाए गए इंसीनेटर में जलाया जाता है। एक दिन में 6 जिलों का कचरा शहर की हवा को खराब करता है। IGIMS के आसपास रहने वालों के लिए मेडिकल वेस्ट का धुआं बीमारी का कारण बन रहा था। यहां जब भी मेडिकल वेस्ट जलाया जाता था, आसपास की आबोहवा पूरी तरह से खराब हो जाती थी। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड कितना भी मानक को पूरा कराता था, लेकिन शहर में होने के कारण समस्या बढ़ जाती थी। शहर से इसे हटाने के लिए काफी दिनों से लड़ाई लड़ी जा रही थी।

संगम मेडिसर्व प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर पवन सिंह का कहना है कि यह बिहार का पहला ऑटोमेटिक हाईटेक प्लांट होगा, जो LPG से चलेगा। इसमें हर घंटे 250 किलो कचरा नष्ट होने के साथ बच्चों के खिलौने का सामान भी तैयार होगा। इसके साथ ही एक दिन में 40 हजार लीटर पानी का भी ट्रीटमेंट होगा, जो प्लांट में इस्तेमाल होने के बाद रिसाइकिल किया जाएगा। इस पानी से प्लांट और गाड़ियों की धुलाई के साथ अन्य उपयोग में लिया जाएगा। प्लांट LPG से चलेगा। इस कारण धुआं नहीं होगा, IGIMS में प्लांट को डीजल से चलाया जाता था, जिससे समस्या आ रही थी।

संगम मेडिसर्व के MD हरिओम शरण द्विवेदी और मैनेजर पवन सिंह का कहना है कि पटना का पहला ऐसा प्लांट है, जो पूरी तरह से ऑनलाइन है। इसकी मॉनिटरिंग तीन स्थानों से होगी। दिल्ली में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बिहार प्रदूषण नियंत्रण और IGIMS से हर समय प्लांट की निगरानी होगी। 32 मीटर उंची चिमनी लगाने के बाद भी अगर हवा को खराब करने वाला धुआं निकला तो तीन स्थानों से निगरानी के दौरान पकड़ लिया जाएगा। मैनेजर पवन सिंह का कहना है कि सोमवार को बैरिया में प्लांट का शुभारंभ होने के बाद IGIMS का प्लांट बंद कर दिया जाएगा।

पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…

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