NEWSPR डेस्क। राजधानी पटना में कोरोना महामारी को लेकर सरकार ने कई गाइडलाइन जारी किया है। इस महामारी से देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लोग प्रभावित हो रहे है। इसी बीच गाइड लाइन का पालन करते हुए राज्य के सभी विद्यालयों को खोलने का आदेश जिला प्रशासन ने दिया है.
लेकिन राजधानी के एक विद्यालय में कोरोना के नियमों कि धज्जियाँ उड़ाई जा रही है. दरअसल पटना के आर्य कन्या मध्य विद्यालय में 18 कमरे में पढ़ने वाली छात्राओं की संख्या लगभग 800 है, लेकिन पिछले कई महीनों से स्कूल के 16 कमरों पर पुलिस का कब्ज़ा है, जिसके कारण स्कूल खुलने के बाद आयी छात्राओं को महज दो कमरों में बैठाकर पढ़ाने को स्कूल प्रशासन मजबूर है।
शौचालय से विद्यालय परिसर में फैला है कचरा :
लंबे समय के बाद स्कूल खुलने पर छात्राये उत्साहित है, ऑनलाइन पढ़ाई को सफल नही बताई। और कहा सामने बैठकर पढ़ने से समझ मे आती है, स्कूल खुलने से छात्रायें खुश है, लेकिन इस कोरोना काल मे एक क्लास रूम में 80 से 90 छात्राओं को बैठाने पर एतराज जताया और कहा स्कूल परिसर में पुलिस छाबनी बनी है, जिसके कारण इस तरह से बैठना पड़ रहा है. परिसर से पुलिस छाबनी हटने पर कोरोना गाइडलाइन का पालन हो सकेगा।
वही पुलिस कैम्प होने के कारण ना तो स्कूल को सेनेटाइज किया गया है और ना ही किसी तरह की साफ सफाई, पूर्व में पुलिस कैम्प को हटाने को लेकर जिलाधिकारी को आवेदन भी दिया गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. अब सवाल यह है कि जिला प्रशासन कितनी गंभीरता से लेते हुए स्कूल की समस्या से निदान दिला पाती है, जिससे सुरक्षाकर्मी भी सुरक्षित रह सके और स्कूली छात्राये भी.
पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…