NEWSPR डेस्क। इन दिनों बिहार शरीफ़ शहर के कई दशकों से प्रसिद्ध जूता उद्योग पर संकट गहराने लगा है क्योंकि रजौली से बख्तियारपुर तक हो एनएच के चौड़ीकरण को लेकर काम तेज़ी से चल रहा है।इसी सडक़ निर्माण को लेकर प्रशासन के द्वारा लगातार सडक़ किनारे लोग निवास कर रहे और दुकान चलाकर अपनी जीविका चलाने वाले लोगो को हटाया जा रहा है। रहुई प्रखण्ड के मोरातालाब इलाके में भी कई दशकों से जूता उद्योग से जुड़े दर्जनों दुकानदारों को हटाया जा रहा है। इससे जूता उद्योग से जुड़े सैकड़ो परिवार के लोगों पर जीविकोपार्जन को लेकर संकट गहराने लगा है।
गौरतलब है कि इस इलाके में जूता क्लस्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए के राज्य सरकार ने करोड़ो रूपये की लागत से क्लस्टर उद्योग का निर्माण कराया है। यहां एक से एक मशीनों को लगाया गया है ताकि जूता उद्योग से जुड़े व्यवसायी अपनी नई नई जूतों का डिजाइन तैयार करके इन जूतों को ऑनलाइन बाजार में बेच सके। एक ओर राज्य सरकार ने मृत जूता उद्योग को बढ़ावा देने को लेकर कई लोगों को बैंक से ऋण मुहैया कराकर लोगो के मनोबल को बढ़ाने का काम किया है। वहीं दूसरी ओर अब सरकार के द्वारा ही इनसभी को उस इलाके से हटाया जा रहा है जहां पुरखो से दर्जनों दुकानदारों का जूता व्यवसाय चल रहा है।
जूता उद्योग से जुड़े दुकानदारों ने बताया कि एकाएक सरकार के द्वारा हमलोगों को इस एनएच 20 के किनारे से सभी दुकानदारों को दुकान हटाने का फरमान जारी कर दिया गया है। लोगों ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से कोरोना की दंश झेलने के बाद किसी तरह से लॉकडाउन के बाद हमलोगों की थोड़ी बहुत आर्थिक स्थिति ठीक हुई है लेकिन सरकार ने फिर से हमलोगों के ऊपर अतिक्रमण का डंडा चलाकर कमर तोड़ने का काम कर रही है। सरकार एक ओर हमलोगों को ऋण देकर बसाने का काम कर रही है वहीं दूसरी ओर विकास के नाम पर उजाड़ने का काम कर रही है।
जूता दुकानदारों ने अपने दर्द को व्यान करते हुए बताया कि सरकार पहले हमलोगों को अपनी दुकान को विस्थापित करने के लिए जगह मुहैया कराय ताकि हमलोगों की दुकान टूटने के बाद किसी तरह की समस्या उत्पन्न नही हो और हमलोगों के ऊपर भुखमरी की स्थिति उत्पन्न न हो।हमलोगों को इस फरमान के बाद अपनी परिवार की भरण पोषण को लेकर चिंता सताने लगा है।