मुनव्वर राणा की बेटी फौजिया राणा ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ विशेष मुद्दों पर अपनी और अपने पिता के तरफ से स्पष्टता रखने यहां आई हूं। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले मेरे पिता एक टीवी चैनल की ओर से एक प्रोग्राम में शामिल हुए थे, जिसमें उनसे बहुचर्चित अयोध्या मामले को लेकर कुछ सवाल पूछे गए थे।
उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश और इस देश के निवासी होने के नाते मेरे पिता ने भी अपनी निजी राय और अपने स्वयं के इच्छाओं को साफ तरीके से प्रकट किया। अयोध्या की जमीन का मामला पिछले कई दशकों से दो समुदायों के टकराव का कारण बना हुआ था। जिसे सुलझाने के लिए स्वयं सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की मर्यादा और उसकी गरिमा को ध्यान में रखकर ही मेरे पिता ने कुछ टिपण्णी की थी, मगर राजनीति की रोटियों को सेकने वाले कुछ चंद लोगों के द्वारा उनके शब्दों को ग़लत तरीके से पेश किया और अल्पसंख्यक होने के बावजूद हमें नीचा दिखाने की कोशिश की गई। 27 सालों से इस मामले के कारण एक धर्म विशेष को दबाने की कोशिश हर राजनीतिक पार्टी ने की है, परंतु अपनी बातों को पेश करने में झिझक होना, इस देश ने पहले कभी नहीं देखा।
उन्होंने आगे कहा कि देश किस रास्ते पर है और किस रास्ते पर चलना चाहती है ये तो देश के हुक्मरान ही बता सकते है, आवाज़ को दबाने का सिलसिला बढ़ गया है। इन बातों से मैं आज की प्रेस वार्ता समाप्त करती हूं।