NEWSPR डेस्क। अरुणाचल प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां नक्सलियों के साथ मुठभेड़ करते हुए सीआरपीएफ के जवान राकेश कुमार शुक्ला शहीद हो गए। आज राकेश कुमार शुक्ल का पार्थिव शरीर उनके गांव वैशाली जिला के रामपुरानी लाया गया, जहां उन्हें सीआरपीएफ के जवानों ने सलामी दी।
अंतिम संस्कार के लिए उन्हें जब हाजीपुर के कौनहारा घाट ले जाया गया तब उन्हें जिला प्रशासन की ओर से भी अंतिम संस्कार के पूर्व सलामी दी गई। तब वहां देखने वालों को सलामी कुछ अटपटी लगी, क्योंकि शहीद राकेश कुमार का पार्थिव शरीर नीचे जमीन पर रखा हुआ था, और बिहार पुलिस के जवान उन्हें सलामी दे रहे थे।
लोगो का ऐसा मानना है कि जिन्हें हम सम्मान देते हैं उनका स्थान हम सभी से ऊपर रखते है इसलिए पार्थिव शरीर को जमीन से ऊपर किसी प्लेटफार्म या कम से कम चीता पर रखकर सलामी देना चाहिए था। जो कि पूर्व में होता आया है, इतना ही नहीं जो 8 जवान फायर कर उन्हें सलामी दे रहे थे उनके 8 बंदूकों में से मात्र 4 से ही गोली छुट्टी बाकी मिस कर गई।
इस पूरे मामले पर आपत्ति जताते हुए पूर्व सांसद स्वर्गीय रामविलास पासवान के सांसद प्रतिनिधि अवधेश सिंह ने बताया कि जो भी हुआ या ठीक नहीं हुआ इस तरीके से सम्मान देना कतई ठीक नहीं है, इसमें सुधार की आवश्यकता है उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी मांग की है कि अगर इसके लिए कोई कानून नहीं है तो कानून बनाया जाना चाहिए।
वही 32 बिहार बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनमोहन ठाकुर ने भी जानकारी दी है की पार्थिव शरीर को नीचे रखकर सम्मान देना ठीक नहीं है, इसमें आगे से जिला प्रशासन से सुधार की बात भी उन्होंने कही है, इन तमाम तस्वीरों को देख कर यह कहा जा सकता है कि क्या ऐसे ही हम शहीदों का सम्मान करेंगे ? जबकि प्रधानमंत्री मोदी लगातार हमारे जवानों के का और हौसला अफजाई के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ते।