हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बायपास का सपना अब होगा साकार, अगस्त के अंत तक पूरा बायपास होगा चालू

Jyoti Sinha

लंबे इंतज़ार और तमाम बाधाओं को पार करते हुए हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बायपास अब जनता के लिए हकीकत बनने जा रहा है। करीब 216 करोड़ रुपये की लागत से बने इस बायपास का पूर्वी हिस्सा अगले सप्ताह से यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, करीब 15 साल की देरी और कई अड़चनों के बाद आखिरकार यह प्रोजेक्ट पूर्णता की ओर बढ़ रहा है।

उत्तर बिहार की जनता को मिलेगी राहत

इस बायपास के शुरू होने से मोतिहारी, सीतामढ़ी, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों से पटना की यात्रा अब ज्यादा सुगम हो जाएगी। जहां पहले घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ता था, रेलवे फाटक पर इंतजार करना पड़ता था – अब वह परेशानी खत्म होने जा रही है। एनएचएआई के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने जानकारी दी कि पूर्वी हिस्से की सभी निर्माण प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं, सिर्फ कपरपूरा रेलवे गुमटी पर बने रेल ओवरब्रिज (ROB) की शटरिंग हटाना बाकी है, जो जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

अगस्त के तीसरे सप्ताह में बायपास पूरी तरह चालू

अधिकारियों के मुताबिक, अगस्त के तीसरे सप्ताह तक पश्चिमी हिस्से की दो लेन भी चालू कर दी जाएंगी, जिससे पूरा चार लेन बायपास यातायात के लिए उपलब्ध हो जाएगा। इससे हाजीपुर और मुजफ्फरपुर के बीच यातायात और तेज व सुगम होगा।

NSIT के पास विशेष निगरानी

17 किलोमीटर लंबे इस बायपास के कुछ हिस्सों पर पहले साइड फ्लैंक धंसने की शिकायतें मिली थीं। इन्हें अब कंक्रीट से मरम्मत कर दिया गया है, और बारिश के मौसम को देखते हुए दो निगरानी वाहनों के जरिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। यदि कहीं भी क्षति होती है, तो तुरंत सुधार किया जा सकेगा।

15 साल की देरी और बाधाएं

इस बायपास प्रोजेक्ट में कभी भूमि अधिग्रहण में मुआवज़ा विवाद, कभी ठेकेदारों का बदलना, तो कभी प्रशासनिक लापरवाही जैसी कई अड़चनें आती रहीं। पटना हाई कोर्ट के 2023 में दिए गए सख्त निर्देशों के बाद ही परियोजना में रफ्तार आई। तीन बार समय सीमा बढ़ाई गई, लेकिन अब आखिरकार बायपास पूरी तरह शुरू होने जा रहा है।

पटना की ओर सफर होगा आसान

इस बायपास के चालू हो जाने से न सिर्फ वाहनों को जाम से राहत मिलेगी, बल्कि रेलवे फाटकों पर घंटों की परेशानी से भी निजात मिलेगी। यह बायपास उत्तर बिहार के लोगों के लिए सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि सांस की तरह राहत देने वाला प्रोजेक्ट साबित होगा।

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