पूर्णिया और सीमांचल की जनता का वर्षों पुराना इंतज़ार अब खत्म होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को बिहार के चौथे एयरपोर्ट का लोकार्पण करेंगे। यह वही वादा है, जिसे उन्होंने 2015 में पूर्णिया की चुनावी सभा में किया था। अब लगभग एक दशक बाद यह सपना हकीकत बन रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 सितंबर को एयरपोर्ट का निरीक्षण करेंगे और तैयारियों की समीक्षा करेंगे। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट परिसर में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है, यहां तक कि मीडिया को भी अनुमति नहीं दी गई है।
एयरपोर्ट की विशेषताएं
पूर्णिया एयरपोर्ट की सबसे बड़ी खासियत इसका 9,000 मीटर लंबा रनवे है, जो बिहार में सबसे लंबा रनवे होगा। इसे एक पुराने सैन्य हवाई अड्डे पर विकसित किया गया है। शुरुआती दौर में एयरपोर्ट पोर्टा केबिन से संचालित होगा, जबकि भविष्य में 400 करोड़ रुपये की लागत से इसका विस्तार किया जाएगा।
पहली उड़ान और सेवाएं
उद्घाटन के दिन स्टार एयर की पहली फ्लाइट अहमदाबाद के लिए रवाना होगी। इंडिगो के बाद स्टार एयर ने भी यहां से सेवाएं शुरू करने का ऐलान किया है। इस एयरपोर्ट से न सिर्फ सीमांचल बल्कि पश्चिम बंगाल और नेपाल के लोगों को भी लाभ मिलेगा।
आर्थिक और सामाजिक असर
पूर्णिया पहले से ही शिक्षा, मेडिकल और ऑटोमोबाइल का हब माना जाता है। एयरपोर्ट शुरू होने से व्यापार, पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी। जानकारों का मानना है कि इससे इलाके की अर्थव्यवस्था में कई गुना तेजी आएगी।
राजनीतिक मायने
उद्घाटन ऐसे समय हो रहा है, जब बिहार विधानसभा चुनाव करीब हैं। सीमांचल की 24 विधानसभा सीटें हमेशा से चुनावी राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाती रही हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एयरपोर्ट जैसी बड़ी सौगात एनडीए के लिए वोट बैंक मजबूत करने का अहम जरिया साबित हो सकती है।