NEWSPR डेस्क। दिवाली का त्यौहार खत्म हो चूका हैं देश भर में लोगों ने इसे काफी उत्साह से मनाया हैं और आज भाई दूज का त्यौहार हैं। हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहनें व्रत, पूजा और कथा आदि करके भाई की लंबी आयु और समृद्धि की कामना करते हुए माथे पर तिलक लगाती हैं. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जो भाई इस दिन बहन के घर जाकर भोजन ग्रहण करता है और तिलक करवाता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है.
इस बार भइया दूज का पर्व सोमवार, 16 नवंबर यानी की आज मनाया जाएगा. मान्यता है कि भाई दूज के दिन पूजा करने के साथ ही व्रत कथा भी जरूर सुननी और पढ़नी चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
बात करे पूजा की विधि के बारे में तो बहनें सुबह स्नान करने के बाद अपने ईष्ट देव, भगवान विष्णु या गणेश की पूजा करती हैं। इस दिन भाई के हाथों में सिंदूर और चावल का लेप लगाने के बाद उस पर पान के पांच पत्ते, सुपारी और चांदी का सिक्का रखती हैं. फिर उसके हाथ पर कलावा बांधकर जल उडेलते हुए भाई की दीर्घायु के लिए मंत्र पढ़ती हैं.
भाई दूज का त्योहार दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है. इस दिन भाई और बहन के चेहरे की रौनक और हर्षोल्लास देखते ही बनता है. हर बहन अपने भाई के टीका करती है और उसके जीवन को सुखी बनाने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है. भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं. तिलक करने के साथ ही वे भाई की सुख व समृद्धि की प्रार्थना करती हैं.
कहीं-कहीं बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं और फिर कलाई पर कलावा बांधती हैं. फिर वह भाई का माखन-मिश्री या मिठाई से मुंह मीठा करवाती हैं और अंत में उसकी आरती उतारती हैं. इस दिन बहुत से भाई अपनी बहनों के घर जाकर भोजन भी करते हैं और उन्हें कुछ उपहार भी देते हैं.