NEWSPR डेस्क। जिले में इन दिन लगातार ओवरलोड ट्रको को NH 2 से गुजरते हुए देखा जा रहा है। हालाकी ओवरलोड ट्रको को पार कराने वाले इंट्री माफियाओं का इन दिनों हौसला काफी बुलंद देखा जा रहा है। बताते चलें कि इंट्री माफियाओं के द्वारा पुलिस के ऊपर पथराव करके जबरन एक डंफर ट्रक और चालक को पुलिस के कब्जे से छुड़ा लिया गया। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंट्री माफिया प्रशासन के ऊपर भी कितना भारी पड़ रहे हैं। बताते चलें कि बिहार सरकार के द्वारा ओवरलोड को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। जगह-जगह पर पुलिस और मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गई है।
इतना ही नहीं ओवरलोड के खेल को रोकने के लिए कैमूर जिले के निवर्तमान डीटीओ राम बाबू को रोहतास के डीटीओ के पद पर है. लेकिन साथ ही साथ कैमूर जिले का भी प्रभार डीटीओ राम बाबू को सौंपा गया है। लेकिन ओवरलोड ट्रको के परिचालन पर कोई असर दिखाई नहीं पड़ रहा है। धड़ल्ले से ओवरलोड बालू लदे ट्रक रोहतास और कैमूर होते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। ओवरलोड रोकने में जिले के प्रभारी डीटीओ बिल्कुल नाकाम दिख रहे हैं। सरकार के द्वारा जिस भरोसे के साथ रोहतास के साथ-साथ कैमूर जिले का प्रभार के रूप में डीटीओ रामबाबू को प्रभार दिया गया है लेकिन वह भरोसा नाकाम दिख रहा है। क्योंकि रोहतास और कैमूर में धड़ल्ले से ओवरलोड ट्रको का परिचालन लगातार जारी है।
एक आंकड़े के अनुसार डिडखिली टोल प्लाजा से 3 दिनों के अंदर 926 ओवरलोड ट्रक बिहार से यूपी मे प्रवेश किए है। यह प्रशासन और प्रभारी डीटीओ रामबाबूके विफलता का जीता जागता उदाहरण है। अब देखना यह है कि सरकार इस ओवरलोड को रोकने के लिए कौन सा फार्मूला अपनाती है। हालांकि सरकार का निवर्तमान डीटीओ के पद रह चुके रामबाबू को दोबारा कैमूर का प्रभार देने का फार्मूला विफल साबित हो रहा है। अब इस स्थिति में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि सरकार इस ओवरलोड को रोकने के लिए कौन सा फार्मूला इस्तेमाल करती है। अब देखना यह है कि ओवरलोड रोकने में विफल प्रभारी डीटीओ रामबाबू दो जिले के डीटीओ पद पर बने रहते है या कैमूर में किसी दूसरे पदाधिकारी को डीटीओ का प्रभार सौंपा जाता है। अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा।