NEWSPR डेस्क। पूर्वी चम्पारण
एक साल में चौथी बार आई बाढ़ : मोतिहारी मे बाढ़ का कहर रुकने का नाम नही ले रहा है । जिले के कई प्रखंड अब भी बाढ़ के पानी से घिरे हुए है । नेपाली पानी के दबाब में एक ओर जहां गंडक सहित अन्य नदियां खतरे के निशान के काफी ऊपर बह रही है, वहीं इस पानी के फैलाव से संग्रामपुर के लोगों का जीना मुहाल कर दिया है । आलम ये है कि लोग चौथी दफा इस बाढ़ का दंश झेल रहे हैं, लेकिन कोई देखने सुनने वाला नहीं । अबतक किसी भी बाढ़ पीड़ित को सरकारी सहायता की राशि नही मिले हैं। इससे यहां के बाढ़ पीड़ितों के लियो और परेशानी बढ़ गई है। मुआवजा नहीं मिलने से बाढ़ पीड़ितों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है। मदद की गुहार लगा रहे हैं।
13 हजार की आबादी पर बाढ़ का असर : अकेले अरेराज अनुमंडल क्षेत्र के संग्रामपुर प्रखंड में लगातार पांचवीं बार बाढ़ आने से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। गंडक नदी के जल स्तर में भारी बढ़ोतरी से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों का बुरा हाल है। संग्रामपुर क्षेत्र में लगभग 13 हजार लोग बाढ़ से ग्रसित है। यहां लोग पूरी तरह से अपने घरों को छोड़कर बांध व अन्य ऊंचे सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। बता दे कि घरों के आधे से ज्यादा हिस्से तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है।
पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश से आफत : जानकारी के मुताबिक पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण उत्तर बिहार के कई इलाकों में बाढ़ की संभावनाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। वहीं बाल्मीकि नगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने की चलते नदियों का जलस्तर में काफी वृद्धि हो रही है। जल स्तर में वृद्धि के कारण गंडक नदी का जलस्तर डेंजर लेवल से ऊपर पहुंच गया है। वहीं दूसरी ओर नदी का पानी धीरे-धीरे चंपारण तटबंध समक्ष पहुंच गया है। संग्रामपुर सीओ सुरेश पासवान ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के आवागमन के लिए 14 नाव चलाये जा रहे है। वही बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए कम्युनिटी किचेन के माध्यम से भोजन व सूखा राहत पैकेट की व्यवस्था की गई हैं।
मोतिहारी से धर्मेन्द्र कुमार की रिपोर्ट…