भागलपुर के नाथनगर में मां काली की विसर्जन शोभायात्रा बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ निकाली गई। श्रद्धालुओं ने नम आंखों से मां काली को विदाई दी और अगले बरस फिर आने की प्रार्थना की।विसर्जन यात्रा में हजारों भक्तों ने ढोल-नगाड़े, शंखनाद और जयकारों के साथ भाग लिया। शोभायात्रा चंपा नाला विसर्जन स्थल तक पहुंची, जहां पूर्ण आस्था और विश्वास के साथ मां काली की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। नाथनगर में इस वर्ष कुल 14 प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। पूरे आयोजन का नेतृत्व सार्वजनिक पूजा समिति के अध्यक्ष पप्पू यादव ने किया। उनके निर्देशन में आपसी भाईचारा, शांति और गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल पेश करते हुए सभी प्रतिमाओं का शांतिपूर्ण विसर्जन संपन्न हुआ।
सार्वजनिक पूजा समिति की ओर से सुभाष पार्क नाथनगर और घोषिटोला में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी जहां बैठने, पानी पीने और रोशनी की समुचित व्यवस्था की गई। विसर्जन के दौरान प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। इस अवसर पर सभी प्रतिमाओं के मेड पतियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया। विसर्जन शोभायात्रा में सबसे आगे नूरपुर सोसाइटी की मां काली की प्रतिमा रही, जबकि अंतिम प्रतिमा नुसरतखानी की जुल्मी काली की थी। सभी प्रतिमाएं कतारबद्ध होकर पूरे मार्ग से विसर्जन स्थल तक पहुंचीं। समिति अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी नाथनगर में मां काली का विसर्जन शांति, सद्भाव और भाईचारे के साथ संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि नाथनगर की पहचान ही गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है, और इसी परंपरा को हर साल कायम रखा जाता है। इस मौके पर समिति के सक्रिय सदस्य देवाशीष बनर्जी, भावेश यादव, अमरकांत मंडल, चंदन झा, आर.के. लाल सहित दर्जनों सदस्य मौजूद रहे.