NEWSPR डेस्क। पटना कहते हैं ऊपर तक पहुंच हो तो भारत में कुछ भी काम करवाया जा सकता है। ऐसा ही एक मामला बिहार के पुलिस महकमे में देखने को मिला है। यहां अपनी पहुंच के दम पर एक दारोगा डीजीपी के आदेश पर भी भारी पड़ गया है। दोरागा जी की पहुंच इतनी ऊंची है कि वह डीजीपी के ट्रांसफर आदेश को भी तवज्जो नहीं देते हैं। ऊंची पहुंच वाले इस दारोगा जी का नाम है ओम प्रकाश सिंह। वह पिछले 34 साल से पटना में ही पोस्टेड हैं। पुलिस महकमे के बड़े-बड़े अफसरों ने पूरा जोर लगा लिया, लेकिन ओम प्रकाश सिंह को कोई हिला नहीं सका है। पटना जिला और पुलिस इकाइयों में उनकी तैनाती बनी रही। मौजूदा वक्त में भी ओम प्रकाश सिंह पुलिस मुख्यालय में ही सीआईडी में तैनात हैं।
बताया जा रहा है कि पुलिस विभाग से ही किसी ने दारोगा ओम प्रकाश सिंह की बात डीजीपी एसके सिंघल तक पहुंचा दी। डीजीपी हतप्रभ रह गए। उन्होंने पुलिस नियम का पालन करते हुए पुलिस मुख्यालय के कार्मिक एवं कल्याण प्रभाग को दारोगा जी का ट्रांसफर लेटर जारी करने को कहा। डीजीपी के आदेश पर 1 सितंबर 2022 को दारोगा ओम प्रकाश सिंह का ट्रांसफर लेटर जारी कर दिया गया। लेटर के मुताबिक दारोगा ओम प्रकाश को औरंगाबाद जिले में जाकर रिपोर्ट करनी थी।
ट्रांसफर लेटर जारी होते ही ओम प्रकाश सिंह ने पुलिस मुख्यालय को उचित माध्यम से आवेदन दे दिया, लेकिन वह रिजेक्ट हो गया। इतना ही नहीं, ओम प्रकाश सिंह को तत्काल औरंगाबाद जिला में योगदान के लिए विरमित करने का आदेश एसपी (सी) को 12 अक्टूबर 2022 को जारी हुआ। इस नए आदेश को जारी हुए भी एक महीने से ज्यादा का वक्त निकल चुका है लेकिन दारोगा ओम प्रकाश पटना में ही ड्यूटी बजा रहे हैं। वह CID में तैनात हैं।
बिहार पुलिस के मैनुअल बुक के मुताबिक पुलिसकर्मियों की जिला, रेंज और इकाई में पोस्टिंग की समय अवधी निर्धारित है। एक सिपाही या इंस्पेक्टर पूरी नौकरी में एक जिले में अधिकतम 5 साल ड्यूटी कर सकते हैं। इसके अलावा एक रेंज में ज्यादा से ज्यादा 8 साल पोस्टेड रह सकते हैं। इसके बाद बिहार में पुलिस जोन की व्यवस्था थी तब जिले में 6, रेंज में 8 और जोन में अधिकतम 10 साल की पोस्टिंग तय थी। जोन की जगह रेंज बनाए जाने के बाद नई व्यवस्था लागू की गई है। नई व्यवस्था के तहत नियम समय अवधि के बाद ट्रांसफर तय है।